सहारनपुर: दलित अंजू ने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे। परिवार से बगावत कर एक मुस्लिम युवक से शादी की। इसी को लेकर परिवार वाले भी दुश्मन हो गए।
प्यार के लिए की बगावत
सहारनपुर के पुंवारका ब्लॉक के देवली गांव की रहने वाली अंजू को कॉलेज में ही एक मुस्लिम युवक से प्यार हो गया।अपने प्यार को पाने के लिए उसने न तो समाज की परवाह की और न परिवार की।उसके पिता मांगेराम ग्राम प्रधान हैं।
चुनाव में सांप्रदायिक सौहार्द को बनाया मुद्दा
सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने के लिए उसने जब अभियान चलाया तो राजनीति आड़े आ गई। गलत को सही करने के इरादे से राजनीति में आई और पहली बार में ही जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत लिया। चुनाव में मुद्दा भी उसने साम्प्रदायिक सौहार्द को ही बनाया।
दोहरी जीत से मिली ख़ुशी
अंजू ने प्यार के साथ पंचायत चुनाव की जंग भी जीती। परिवार और समाज से लड़ते हुए मुस्लिम युवक से शादी की। दोनों के ही परिवार वाले शादी के लिए राजी नहीं थे। कोर्ट में शादी की और परिवार से अलग रहने लगे।
छूआछूत का भी करना पड़ा सामना
अंजू को बार-बार दलित सुनना नागवार था। कॉलेज में उसे छूआछूत का भी सामना करना पड़ा। बीए की डिग्री लेने के बाद उसने छूआछूत के खिलाफ अभियान चलाया। अभियान में राजनीति आड़े आई।
प्रेमी ने भी बदला नाम
अभियान के दौरान ही अंजु को मुस्लिम युवक मोहम्मद विसाल से प्यार हो गया। विसाल ने अपना नाम बदलकर विशाल कर लिया। उसे अपनी खूबसूरती के कारण परेशानियों का भी सामना करना पड़ा । कुछ मनचलों को सबक भी सिखाया।
पिता हैं ग्राम प्रधान
अंजू राजनीति में आई और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत लिया। चुनाव में सांप्रदायिक सौहाद्र को ही मुद्दा बनाया। अंजू के पिता मांगेराम ग्राम प्रधान हैं।