VIDEO: चमत्कार ! सांप काटने से हुई थी मौत, 40 साल बाद जिंदा वापस लौटी अपने गांव
यह घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। एक महिला की 40 साल पहले सांप के काटने के मौत हो गई थी झाड़-फूंक और डॉक्टर्स इलाज के बाद भी जब वह जिंदा नहीं हुई तो महिला के परिजनों ने उसे गंगा नदी में बहाकर अंतिम संस्कार कर दिया था।
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कानपुर: यह घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। एक महिला की 40 साल पहले सांप काटने से मौत हो गई थी। झाड़-फूंक और डॉक्टर्स के इलाज के बाद भी जब वह जिंदा नहीं हुई तो महिला के परिजनों ने उसे गंगा नदी में बहाकर अंतिम संस्कार कर दिया था। जिसके बाद गुरूवार (23 दिसंबर) को वही महिला अचानक से गांव पहुंच गई। महिला को फिर से ज़िंदा देखकर सबकी आंखे फटी की फटी रह गईं।
क्या है मामला?
-मामला बिधनू थाना क्षेत्र के इनायतपुर गांव का है।
-जहां के रहने वाले धर्मवीर और धर्मपाल की मां विलास गौतम को सांप ने 40 साल पहले काट लिया था।
-परिवार के सदस्यों ने उनको जीवित करने के लिए झाड़-फूंक और डॉक्टर्स से इलाज करवाया।
-जब इन सबसे भी वह जिंदा नहीं हुई तो परिजनों ने उनको गंगा में प्रवाहित करने का फैसला किया।
-परिजन विलास के शव को लेकर कानपुर के सिद्धनाथ घाट पहुंचे और उनके शव में बालू बांध कर गंगा में प्रवाहित कर दिया।
-परिजनों ने विलास की मौत के बाद हिंदू रीति-रिवाज से पूजा पाठ भी करवाया।
-विलास की मौत के बाद उनके पति कल्लू की भी 20 साल बाद मौत हो गई थी।
-विलास की जब मौत हुई थी उस समय उनके दोनों बेटे धर्मवीर और धर्मपाल बहुत छोटे थे।
-विलास की दो बेटियां रामकुमारी और मुन्नी भी हैं।
-विलास की उम्र इस समय 80 साल है।
क्या बताया विलास ने ?
-विलास ने बताया कि 40 साल पहले जब वह अपने बच्चों को लेकर घास काटने गई तभी उसके राइट हैंड में कोबरा सांप ने काट लिया था।
-कुछ देर बाद वह बेहोश हो गई और उसके बाद उसके साथ क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं है।
-विलास ने बताया कि जब उसकी आंख खुली तो वह गंगा नदी के किनारे पर थी।
-दो मछुआरों ने उसे उठाकर एक मंदिर के पास रख दिया था।
-इसके बाद उस मंदिर की एक मालिन ने उसका पता भी पूछा, लेकिन उसे अपने गांव के नाम के अलावा कुछ भी याद नहीं था।
-इसके बाद मालिन ने विलास को कपड़े और खाना दिया।
-विलास तीन साल तक उसी मंदिर में रही और मंदिर की सेवा करती रही।
-उन्होंने ने बताया कि यह मंदिर गंगा के किनारे ही बना था।
और क्या बताया विलास ने ?
-विलास ने बताया कि तीन साल बाद मंदिर की मालिन उसे तेजपुर गांव ले गई ।
-उस गांव में उसके मिलने वाले रहते थे।
-उसी परिवार को मालिन ने विलास को सौंप दिया।
-इसके बाद से वह मालिन कभी विलास से मिलने नहीं आई।
-जिस परिवार के साथ विलास रह रही थी वह परिवार उसे तीन वक्त का खाना देता था।
-इसके बदले विलास भी उनके घर और खेत का काम करती थी।
-विलास ने बताया कि उस दौरान उसे किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई।
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विलास के बेटे ने क्या बताया ?
-विलास के बड़े बेटे धर्मवीर के मुताबिक, जब उसकी मां विलास को सांप ने काटा था तब वह बहुत छोटा था।
-उसे मां का प्यार नहीं मिल पाया था लेकिन अब उसकी मां वापस आ गई हैं।
-इससे बड़ी खुशी कुछ नहीं हो सकती है यह सचमुच एक चमत्कार है।
-पूरे परिवार में जश्न का माहौल है।
-धर्मवीर के मुताबिक, उसकी मां की धीरपुर गांव में भी रिश्तेदारी है।
-वह पहले वही रहती थीं।
-धीरपुर गांव की एक लड़की, जिसकी शादी तेजपुर गांव में हुई थी।
-उन्होंने बताया कि तेजपुर गांव की वह बहू थी तो उसका घर से निकलना बहुत कम था।
-किसी तरह मां की मुलाकात उस लड़की किरन से हो गई।
-धर्मवीर के मुताबिक, मां और किरन के बीच अक्सर बातचीत होने लगी, तभी बातों-बातों में किरन ने मां से पूछा कि आप कहां कि रहने वाली हैं।
-इसपर मां धीरपुर और इनायत पुर गांव की बात बताने लगी।
-विलास के बेटे बताते हैं कि यह बात किरन ने धीरपुर में रहने वाले रिश्तेदार को बताई
-वह एक दिन इनायतपुर आए तो उन्होंने पूरी बात बताई।
-विलास के बेटे ने बताया कि बीते बुधवार को वह तेजपुर गांव पहुंचे और मां को गांव में लेकर आए।
-गांव के पुराने लोगों और चाचा ने विलास को पहचान लिया और विलास भी सभी को पहचान गईं।
-विलास भी अपने परिवार के बीच आकर बहुत खुश हैं।
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