VIDEO: ये दिव्यांग बिना आंखों के चलाता है कंप्यूटर, फ्री में देता है बच्चों को शिक्षा

Update: 2016-08-20 08:13 GMT
divyang ramdev teach students his home

लखनऊः एक दिव्यांग जो खुद की जिंदगी अंधेरे में जीते हुए भी दूसरों को रोशनी की किरण दे रहा है। तंगी और बेबसी के हालात को झेलते हुए भी समाज में बच्चों को ज्ञान बांट रहा है। अपनी अंधेरी जिंदगी को अभिशाप ना समझते हुए समाज में कुछ कर गुजरने का जज्बा इस दिव्यांग में देखने को मिलता है।

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घर से भाईयों ने निकाला

राजधानी के एक छोटे से गांव खुझौली का रहने वाला जन्म से दिव्यांग रामदेव जिसके ऊपर से बचपन में ही मां-बाप का साया उठ गया और भाइयों ने बोझ समझ कर घर से निकाल दिया। उसने समाज से हार नहीं मानी और अपने पिता के सपने को पूरा करने में लग गया। घर छोड़ने के बाद अपने एक दूर के रिश्तेदार के घर पर रहने लगा और वहीं से पढ़ाई की। अब रामदेव इस समय बीएड कर रहे है जिससे आगे चलकर अपनी तरह दिव्यांग बच्चों को पढ़ा सके।

रामदेव नहीं लेते हैं फीस

रामदेव को बचपन से ही पढ़ाई का शौख था जिसे उसने पूरा किया। उनकी खुद की जिंदगी में अंधेरा होते हुए भी समाज को रोशनी देने की कोशिश कर रहे है। अब वो चाहते है की अपने इस ज्ञान को गरीब बच्चो में शिक्षा के माध्यम से दिया जाए। रामदेव बिना किसी फीस के अपने ही घर पर बच्चों को अपने लेक्चर के माध्यम से हर रोज पढ़ाते है ताकि वो भी समाज को कुछ दे सके।

खिलौने की तरह चलाते हैं कंप्यूटर

रामदेव में एक और विशेष गुण है वो अपने मोबाइल पर किसी का भी नम्बर झट से मिला लेते है और लैपटॉप तो ऐसे चलाते है की मानो कोई खिलौना हो उन्होंने तुरन्त एक लाइन टाइप करके दिखाई। इस पर उन्होंने बताया की ये सब उनके स्कूल में बताया गया एक ऐप्स के माध्यम से वो ये सब इतनी आसानी से कर लेते है।

दूसरों के लिए बने मिसाल

रामदेव की आंखों में रोशनी ना होते हुए भी समाज के लिए एक रोशनी की मिशाल बन गए। वो अपने ज्ञान से दूसरे गरीब बच्चों को समाज की मुख्या धारा में जोड़ने का काम कर रहे है। हम उनके इस जज्बे को सलाम करते है।

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