GOOD FRIDAY : तो इसीलिए मनाया जाता है 'इस्टर' का त्योहार, जानिए ये दिन क्यों है खास
लखनऊ: हर साल ईसाई समुदाय प्रभु ईसा मसीह की क्रूस पर बलिदान की वर्षगांठ को गुड फ्रायडे या शुभ शुक्रवार के रूप में मनाता है। इसके पहले के 40 दिनों में उपवास, ईश वचन पठन, त्याग व तपस्या करते हैं।
इसाई धर्म में ईस्टर एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। ईस्टर पर्व प्रभु यीशु मसीह के पुनर्जन्म की खुशी में मनाया जाता है। इसाई धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जब यीशु मसीह को सूली पर लटका दिया गया था, तब वह तीन दिन बाद फिर से जीवित हो गए थे। तब से इस दिन को इसाई धर्म के अनुयायी ईस्टर दिवस के रूप में मनाते हैं। यह पर्व नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
रविवार के दिन मनाया जाता है ईस्टर
-अमूमन ईस्टर दिवस रविवार के दिन ही मनाया जाता है।
-इस साल ईस्टर दिवस 16 अप्रैल यानि रविवार को मनाया जाएगा।
-यह त्योहार हर साल किसी निश्चित दिन नहीं मनाया जाता बल्कि इसकी तारीख हर साल बदलती रहती है।
-आमतौर पर यह मार्च और अप्रैल महीने के बीच में ही मनाया जाता है।
ईस्टर डे से पहले वाले शुक्रवार को मनाते हैं गुड फ्राइडे
-मान्यताओं के अनुसार, यीशु मसीह ने पुनर्जन्म के बाद 40 दिन रहकर हजारों लोगों को दर्शन दिए।
-यीशु मसीह ने किसी धर्म की स्थापना के लिए नहीं, बल्कि प्यार और सत्य बांटने के लिए दोबारा जन्म लिया।
-तब से ईस्टर पर्व 40 दिनों तक मनाया जाता है।
-इस दौरान सभी ईसाई धर्म के अनुयायी उपवास, प्रार्थना और प्रायश्चित करते हैं।
-ईस्टर पर्व के मुताबिक ईस्टर से पहले वाले शुक्रवार को गुडफ्राइडे मनाया जाता है।
-गुडफ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था।
-ईस्टर से पहले आने वाले सप्ताह को पवित्र सप्ताह कहा जाता है।
ईस्टर के रंग-बिरंगें अंडे
-इसाई धर्म में ईस्टर के दिन रंगीन अंडे छिपाने की परंपरा है।
-परंपरागत रूप से ये अंडे माता पिता छिपाते हैं।
-बच्चों को इन्हें ढूंढना होता है।
-ईसाई धर्म में अंडे पुनरुत्थान का प्रतीक हैं।|