इस गांव में लड़कियों के हाथों में नहीं रचती मेहंदी, नहीं सजता दूल्हे का सेहरा, जानिए क्यों?

Update: 2016-09-07 08:07 GMT

भागलपुर: बिहार में एक ऐसा गांव है जहां ना कोई लड़की बनती है दुल्हन, ना लगता है किसी के हाथ में मेंहदी और ना लेकर ते है दूल्हे राजा लेकर बरात। आपको सुनकर अटपटा लगे, लेकिन यही सच है कि आजादी के 70 साल बाद भी बिहार के भागलपुर जिले में एक ऐसा गांव है। जहां पिछले 20 सालों से ना शादी होती है ना बरात आती है। ये गांव जिला के जगदीशपुर प्रखंड में सनौहली गांव है।

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आपकों बता दें कि यहां बरात ना आने के पीछे कोई अंधविश्वास या दहेज नहीं की मजबूरी नहीं है, बल्कि वहां सड़क नहीं होने की वजह से ऐसा होता आ रहा है। एक न्यूज के अनुसार भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड के सनौहली गांव में आने-जाने के लिए कोई सड़क ही नहीं है, जिसके कारण यहां की लड़कियों की शादी नहीं हो पाती है। बता दें की इस गांव में जाने के लिए एक नदी पार करनी होती है। उस पर लकड़ी का पुल है ।

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सनौहली गांव भागलपुर से 12 किलोमीटर दूरी पर है। पर यहां कोई बरात लेकर नहीं आना चाहती है। इस वजह से 500 से अधिक लड़कियां शादी की उम्र की होकर कुवांरी है। मगर कोई भी उनसे शादी करना नहीं चाहता, क्योंकि इस गांव में आने जाने के लिए कोई सड़क नहीं है।

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गांव वालों ने आपसी आर्थिक सहयोग से बांस का चचरी पुल बनाया है मगर उसपर से गुजरना किसी खतरे से कम नहीं है। बता दें की इस गांव की लड़कियां भी यहां रहना नहीं चाहती। वे भी इस गांव से बाहर अपना जीवनसाथी चाहती है। मगर मजबूरी में उन्हें यही रहना पड़ता है। गांववाले सालों से सुविधा का इंतजार कर रहे हैं। मगर उन्हें केवल मायूसी ही मिल रही है।

गांव में मुखिया और सरपंच सब है पर विकास के नाम पर कुछ नहीं हैं। किसी ने गांव की हालत सुधारने की कोशिश नहीं की।अब तो आलम ये है कि लोग यहां अपने बेटे-बेटियों की शादी के सपने संजोना छोड़ दिया है।

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