सावन में सौभाग्य बढ़ाता है हरा रंग, पति-पत्नी में बढ़ता है प्यार, मिटते हैं गम

Update:2017-07-31 15:45 IST

लखनऊ: सावन का महीना आते ही चूड़ियों की बिक्री बढ़ जाती है। लेकिन इनमें भी खासतौर पर हरे रंग की चूड़ियों की मांग सबसे ज्यादा रहती है। यही कारण है कि चूड़ी बेचने वाले सावन के महीने में हरी चूड़ियों की कीमत बढ़ा देते हैं।

महिलाएं सावन के महीने में हरी चूड़ियां तो पहनती हैं, लेकिन इसके महत्त्व व फायदे नहीं जानती हैं। कुछ महिलाएं तो देखा-देखी ही हरी चूड़ियां पहनती हैं पर क्या आपने सोचा है कि इसका कारण क्या है? अगर नहीं, तो इसका महत्त्व और राज हम आपको बताते हैं।

सावन का महीना प्रकृति का सौंदर्य का महीना होता है। शास्त्रों में महिलाओं को भी प्रकृति का एक रूप माना गया है। सावन में बरसात की बूंदों से चारों ओर हरियाली छा जाती है। जिधर देखो हरा ही हरा नजर आता है। इससे आंखों को भी काफी सुकून मिलता है। ऐसे में प्रकृति के रंग में रंगने के लिए महिलाएं भी मेंहदी लगाती हैं। साथ ही हरे कपड़े और हरी चूड़ियां भी पहनती हैं।

इस महीने में सुहागन स्त्रियों के लिए कई त्योहार आते हैं जिनमें कजरी तीज, हरियाली तीज शामिल हैं। इन त्योहारों में शुरुआत से ही हरे कपड़े व हरी चूड़ियां पहनने के नियम हैं।

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शास्त्रों की मानें तो सावन के महीने में हरे रंग के कपड़े पहनने से सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है और पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है। हरा रंग उपज का प्रतीक माना जाता है। इस महीने में प्रकृति में हुए बदलाव से हार्मोन्स में भी बदलाव होते हैं, जिसका प्रभाव शरीर और मन पर पड़ता है, जो स्त्री पुरुषों में काम भावना को बढ़ाता है।

 

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