अंदर हनुमान की मूर्ति, बाहर कुरान की आयतें, ये मंदिर है हिंदू-मुस्लिम दोनों के लिए धर्मस्थल
आगरा
: जहां एक ओर पूरे देश में राममंदिर बाबरी मस्जिद की बहस छिड़ी है, वहीं ताजनगरी में मर्यादा पुरषोत्तम राम के अनन्य भक्त हनुमान का एक मंदिर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहा है। आगरा यमुना किनारे पर स्थित हनुमान-काली का मंदिर लोगों की भक्ति और आस्था का केंद्र है।मगर बाकी मंदिरों से हटकर यहां कुछ ऐसा होता है जो बेहद सराहनीय है। एक तरफ यहां मंदिर में भक्त हनुमान चालीसा का पाठ पड़ते है वहीं दूसरी ओर मंदिर में कुरान की आयतें भी गूंजती है ।-लोगों की माने तो ये मंदिर तकरीबन 70 साल पुराना है।
-70 साल पुराने इस मंदिर में एक तरफ महाबली विराजमान हैं, तो दूसरी तरफ कुरान की आयतें भी मंदिर परिसर के अंदर शिलालेख पर लिखी हैं।
- मंदिर में काफी संख्या में मुस्लिम धर्म के लोग आते हैं।
- आगरा ही नहीं पड़ोसी जिलों में इस मंदिर को सांप्रदायिक सौहार्द और सर्वधर्म सद्भाव की मिसाल के रूप में जाना जाता है।लोगों के मुताबिक
मंदिर के भक्त राम मोहन पाराशर ने बताया कि मंदिर की स्थापना 70 साल पहले नरसिंह दास निरमोही ने की थी। मंदिर के बाहर लगे पीपल के पेड़ के नीचे उन्होंने सिद्धि प्राप्त की थी। वहीं उन्होंने काली और हनुमान को एक साथ स्थापित किया था।
अल्लाह एक है
-सोबिया कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हाजी जमीलुद्दीन कुरैशी ने बताया कि मंदिर परिसर में पत्थरों पर कुरान की आयतें सूरे इखलास लिखी हैं।
-इसमें काफरीन-ए-मक्का का जिक्र किया गया है।
-इसमें बताया गया है कि अल्लाह एक है। वही जाति धर्म को नहीं मानता है ।
-उपरवाला किसी को कुछ भी दे सकता है। और अल्लाह न किसी का पिता है न ही किसी का पुत्र । जबकि दूसरे पत्थर में उर्दू में हमेशा सच बोलने की सीख दी गई है।
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