इंग्लिश लाइफ, देसी वाइफ, कुछ ऐसे मनाया जाता है विदेशों में करवा चौथ

Update:2016-10-19 12:02 IST

मधु चौरसिया

लंदन: आज तो पूरी दुनिया में महिलाएं बड़ी ही ख़ुशी से करवाचौथ का त्योहार मनाएंगी। देश में ही नहीं विदेशों में भी करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। विदेशों में देसी वाइफ, इंग्लिश लाइफ के बीच भी महिलाएं बखूबी संतुलन बना कर चलती हैं। वेस्टर्न परिधानों की आदी हो चुकी ये महिलाएं जब भी धार्मिक और सांस्कृतिक सभ्यता की बात आती है, तो उनका देशी लुक देखने लायक होता है। फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में राज के लिए सिमरन ने ये व्रत रखा था, तब से ये व्रत जितना पारंपरिक है, उससे कहीं ज्यादा ये लोगों के लिए फैशनेबल होता चला गया। फिल्म के इतने सालों बाद भी महिलाओं में उत्साह अब भी कम नहीं हुआ है।

(करवा चौथ के त्योहार पर Newstrack.com के लिए लंदन से मधु चौरसिया की रिपोर्ट)

आगे की स्लाइड में जानिए कैसे मनाते हैं विदेशों में करवाचौथ

विदेशों में व्रत की सामग्री मिलना थोड़ा मुश्किल होता है। हालांकि कुछ इंडियन स्टोर होते हैं, जहां काफी हद तक सामग्री मिल जाती हैं। पर सभी सामग्री मिलना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन फिर भी पूरी श्रद्धा भक्ति से महिलाएं ये व्रत रखती हैं। कई बार कुछ देशों में चांद देखना मुश्किल होता है। बादलों की ओट में छिपा चांद इस दिन खूब आंखमिचौली खेलता है... इंग्लैंड, अमेरिका, यूरोप, कैनेडा में तो ठंड शुरू हो गई है, तो यहां कई बाद पूरी रात चांद नहीं दिखता या फिर बारिश की वजह से बाहर निकल कर देख पाना मुश्किल होता है। पिछले साल जब मैं पहली बार इस व्रत के वक्त इंग्लैंड में थी, तो सामग्री तो मैं इंडिया से लेकर आई थी। लेकिन रात के वक्त बादलों ने पूरे आकाश को रात भर ढक रखा था, जिससे चांद दिखा नहीं। मैं पूरे चौबीस घंटे भूखी प्यासी रही क्योंकि पूजा की कथा में उल्लेख है कि बिना चांद देखे व्रत नहीं खोला जा सकता।

वहां मैं नई थी इसलिए अकेले ही सेलिब्रेट करना पड़ा और इंडिया में उस वक्त काफी रात हो चुकी थी। तो किसी से फोन पर बात कर पूछ पाना भी संभव नहीं था। हालांकि अब चांद निकलने के समय को नेट पर चेक कर महिलाएं व्रत खोल लेती हैं। साथ ही विदेशों में घर में आग जलाने का रूल नहीं होता, इसलिए महिलाओं को घर में दिया जलाना मुश्किल होता है। रात के वक्त ठंड काफी होती है। ऐसे में पारंपरिक परिधान में बाहर ठंड में निकलना बहुत कठिन होता है। कई बार काम के सिलसिले में पति घर से दूर होते हैं ऐसे में आनलाइन वीडियो चैटिंग के जरिए महिलाएं पति को देखकर व्रत खोलती हैं।

आगे की स्लाइड में जानिए विदेशों में महिलाओं को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है और कैसे करती हैं वे ये व्रत

आराधना सिंह, इंग्लैंड- मैं पिछले 5 साल से इंग्लैंड में हूं और दोस्तों के साथ मिलकर करवाचौथ का व्रत रखती आई हूं। हम घर में कथा पढ़ते हैं या यू ट्यूब से कथा सुनते हैं... कपल्स का कुछ फोटो इवेंट और गेम्स इवेंट रखते हैं। हालांकि चांद कई बार नहीं दिखता ऐसे में चांद निकलने के समय के अनुसार नेट पर देख कर हम व्रत खोलते हैं। इस बार वीकेंड्स में ये व्रत पड़ रहा है इसलिए हमने इंडियन रेस्टोरेंट बुक किया है, जिसमें हम सब मिलकर खाना खाने जाएंगे। वहां हमने बिना लहसुन प्याज वाला खाना बुक किया है। इंग्लैंड में साउथहॉल में सामग्री मिल जाती है कुश तो नहीं मिलता तांबे का करवा मिल जाता है। हालांकि यहां इंडिया वाला माहौल नहीं मिलता। इसलिए हम खुद सब मिलकर माहौल क्रियेट करते हैं हमने एक दिन पहले घर पर मेंहदी का प्रोग्राम रखा है।

आगे की स्लाइड में जानिए दुबई में रहने वाली शीतल मिश्रा कैसे मनाती हैं अपना

शीतल मिश्रा, दुबई- मैं पिछले आठ साल से अपने पति और परिवार की सुख शांति के लिए करवाचौथ का व्रत रख रही हूं। दुबई में करवाचौथ से मेरी कई व्यत्तिगत यादें जुड़ी हैं। ये इसलिए भी ख़ास है क्योंकि मैंने अपना पहला व्रत भी यहीं रखा था। इस व्रत से आज कोई भी अपरिचित नहीं हैं। शायद हिन्दी फिल्मों का ही कमाल है कि लोग बड़े उत्साह से इसे मनाते हैं। शाम के वक्त यहां का नजारा किसी हिन्दी फिल्म से कम नहीं होता। सोलह श्रृंगार कर समुद्र के किनारे महिलाएं एकत्र होती हैं और चांद की पहली झलक पाने के लिये बेसब्री से इंतजार करती है...चांद देखने के बाद वो अपना व्रत खोलती हैं। काफी उल्लास का वातावरण होता है। हम भले ही अपनी माटी से दूर है, लेकिन उसकी खुशबू से नहीं।

आगे की स्लाइड में देखिए क्या कहना है शिकागो में रहने वाली सुमन सिंह का

सुमन सिंह, शिकागो- वैसे तो हमारे घर या ससुराल में इस व्रत की प्रथा नहीं है। लेकिन बचपन से मैंने अपने पंजाबी दोस्तों को बड़ी आस्था से करवा चौथ मनाते देखा है। ये हमेशा से मेरे लिए कौतूहल का विषय रहा। मुझे ये व्रत बेहद पसंद है। शादी के बाद मुझे शिकागो आना पड़ा यहां भी काफी अप्रवासी भारतीयों में मैंने काफी उत्साह देखा है। हम कुछ दोस्तों को घर पर बुलाते हैं और सब मिलकर ये व्रत मनाते हैं। शिकागो में ऊंची ऊंची बिल्डिंग के बीच चांद नहीं दिखता इसलिए हम किसी पार्क या पार्किंग एरिया में एकत्र होते हैं और चांद की पूजा करते हैं। तो लोगों के लिए कौतूहल बन जाते हैं। कई बार तो पुलिस आ कर देखने लगती है कि इतने लोग इतनी रात कर क्या रहे हैं?

आगे की स्लाइड में जानिए दक्षिण कोरिया में रहने वाली मुक्ता कैसे मनाती हैं अपना करवा चौथ

मुक्ता, दक्षिण कोरिया- दो साल से कोरिया में रह रही हूं...करवाचौथ के दिन ट्रेडिशनल तरीके से तैयार होना साजो श्रृंगार करना...मेंहदी लगाना, अच्छे-अच्छे पकवान बनाना बेहद पसंद है... शाम के वक्त पूजा पाठ करती हूं। कथा पढ़ती हूं और शाम से चांद का बेसब्री से इंतजार रहता है। पति जल्दी दफ्तर से घर आ जाते हैं। कोरिया में सामग्री मिलना थोड़ा मुश्किल होता है। इसलिए इंडिया से आते वक्त ही जो पूजा के लिए जरूरी सामग्री होती है, वहीं से लेकर आ जाती हूं। यहां पर कोई दिन में कथा पढ़ती हैं, तो कोई शाम के वक्त इसलिए घर में ही पूजा पाठ कर लेती हूं। रात में किसी पार्क में जाकर चांद का इंतजार करना पड़ता है।

आगे की स्लाइड में जानिए ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली श्वेता शर्मा कैसे मनाती हैं अपना करवा चौथ

श्वेता शर्मा, ऑस्ट्रेलिया- यहां कई पंजाबी फैमिली रहती है...उनके साथ मिलकर मैं ये व्रत मनाती हूं। सामग्री तो कुछ हद तक यहां मिल जाती हैं लेकिन कुश नहीं मिलता। यहां पारंपरिक तरीके से लोग इस व्रत को मनाते हैं। इंडियन स्टोर भी कम ही होते हैं। वहां कुछ हद तक चीजें मिल जाती है। लेकिन हर साल यहां चांद बहुत देर से निकलता है, लगभग ग्यारह बजे के बाद दिखता है। हम दुनिया के नक्शे में सबसे आगे होते हुए भी कई बार चांद देखने में पीछे हो जाते हैं।

 

 

 

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