नई दिल्ली : पाकिस्तान में वोटिंग हो चुकी है। इसके बाद करीब साढ़े तीन हजार उम्मीदवारों की किस्मत बैलेट बॉक्स में बंद है। चुनाव आयोग का दावा है कि इस बार चुनाव काफी साफ सुथरा हुआ है। देश में पहली बार विकलांग और कैदियों को भी वोटिंग का मौका मिला।
एक बात और भी हुई है, पहली बार आयोग की ओर से कहा गया कि यदि किसी पोलिंग स्टेशन पर टोटल वोटिंग में से पांच प्रतिशत वोट औरतों के नहीं हैं तो इलेक्शन कैंसिल हो जाएगा।
रुझानों में पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन और इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीई) के बीच इलेक्शन सिमटा हुआ नजर आया। वहीं पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भी त्रिकोण बनाने की जद्दोजहद में नजर आए।
सेना पर आरोप लगा कि पहली बार वो सीधे तौर पर इलेक्शन प्रभावित कर रही है। सेना चाहती है की तहरीक-ए-इंसाफ देश में सरकार का गठन करे और इमरान पीएम के तौर पर सेना के एजेंडे को अपना बना लें। इसीलिए सेना ने अपनी तरफ से तहरीक को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। ऐसे में तहरीक का सत्ता में आना और इमरान का पीएम बनना लगभग तय है।