ख़ौफ़नाक बीमारी से पीड़ित है ये शख्स, चेहरे पर उग आए हैं घने बाल; बहुत मुश्किल जिंदगी
RATLAM: ईश्वर ने जिन लोगों को इस दुनिया में मुकम्मल तौर पर स्वस्थ और ठीक रहकर जीने की ख़ुशक़िस्मती अदा की है, उन्हें बार बार ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करना चाहिए. वर्ना इसी दुनिया में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो ख़ुद कभी अपना ही चेहरा नहीं देखना चाहते होंगे. आज आपको बताएंगे एक ऐसे ही लड़के के बारे में जो ऐसी बीमारी से पीड़ित है, जिसमें जिस्म पर बाल उग आते हैं.
Werewolf Syndrome: मध्यप्रदेश के रतलाम के रहने वाले ललित को वरवोल्फ सिंड्रोम है. यानी वो बीमारी, जिसमें जिस्म पर बाल उग आते हैं. ऐसे में उनका चेहरा भेड़िए की तरह लगने लगता है. यानी ललित पाटीदार एक बेहद दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हैं. इस वजह से उनके चेहरे पर 5 सेंटीमीटर तक बाल उग जाते हैं. छोटे से गांव नंदलेटा का ये स्टूडेंट उन पचास लोगों में से एक है जिन्हें मध्य युग के बाद से इस बीमारी का पता चला है. मीडिया रिपोर्ट्स में ललित बताते हैं कि वो एक किसान के बेटे हैं और सामान्य परिवार से आते हैं. ललित फिलहाल 12 वीं क्लास में पढ़ते हैं और अपने वालिद के खेती के काम में भी मदद करते हैं.
ललित को देखकर छोटे बच्चों को लगता है डर
ललित बताते हैं कि छोटे बच्चे उन्हें देखकर डर जाते थे और बचपन में वो ये बात समझ नहीं पाते थे .लेकिन जैसे-जैसे वो बड़े हुए उन्हें एहसास हुआ कि वो सबकी तरह नॉर्मल नहीं हैं. ललित बताते हैं कि बच्चों को लगता था कि ललित उन्हे जानवरों की तरह खा जाएंगे.
दु्र्लभ बीमारी को ललित समझते हैं बड़ी अचीवमेंट
ललित इतनी ख़ौफ़नाक बिमारी के बावजूद हौसला नहीं छोड़ते. हर हाल में ख़ुश रहना ललित को बख़ूबी आता है और इतने आला ज़र्फ़ लोग इस दुनिया में ना के बराबर ही होंगे. ज़िंदगी को लेकर ललित का नज़रिया इतना पॉज़िटिव है कि अपनी दु्र्लभ बिमारी को ललित बड़ी अचीवमेंट समझते हैं. ललित बताते हैं, 'मेरे पूरे जीवन में ये बाल रहे हैं, मेरे माता-पिता कहते हैं कि डॉक्टर ने मुझे जन्म के समय बचाया था, लेकिन जब तक मैं लगभग छह या सात साल का नहीं हो गया, तब तक मुझे वास्तव में कुछ भी अलग नहीं लगा. तभी मैंने पहली बार नोटिस किया कि मेरे पूरे शरीर पर बाल बढ़ रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'मेरे स्कूल के साथी मुझे चिढ़ाते थे, वे मुझ पर 'बंदर बंदर' चिल्लाते थे. ललित आगे कहते हैं कि ये बहुत डरावना है और लोग उन्हे भूत कहकर भी चिढ़ाते हैं. ललित के मुताबिक़, उन्हे धीरे-धीरे एहसास हुआ कि उनके पूरे जिस्म पर बाल हैं और वो आम इंसानों से अच्छे तरीके से अलग हैं यानी वो आम लोगों की तरह अच्छे नहीं दिखते. लेकिन इस सबने ललित का हौसला नहीं तोड़ा. ललित बताते हैं कि उन्हे कई चीजें सीखने को मिलीं. ललित कहते हैं कि सबसे अहम बात ये है कि मुझे ये सीखने को मिला कि मैं एक मिलियन में एक हूं, मुझे कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और ज़िंदगी को पूरी तरह से जीना चाहिए.'
क्या है वरवोल्फ सिंड्रोम या हाइपरट्रिचोसिस
हाइपरट्रिचोसिस जिस्म पर बालों के ग्रोथ की एक गैर मामूली मात्रा है. हाइपरट्रिचोसिस के दो अलग-अलग क़िस्म हैं. एक है सामान्यीकृत हाइपरट्रिचोसिस , जो पूरे शरीर में होते हैं और दूसरी क़िस्म है स्थानीयकृत हाइपरट्रिचोसिस जो एक निश्चित क्षेत्र तक ही सीमित है. बता दें कि 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में कई सर्कस साइडशो कलाकारों जैसे कि जूलिया पास्ट्राना वग़ैरह को हाइपरट्रिचोसिस था.