मेट्रो से रुबरु हुए LMRC ट्रेनीज, पायलट्स के चेहरों पर बिखरी मुस्कान
प्राची और प्रतिभा कोई सेलिब्रेटी नहीं तो किसी सेलिब्रेटी से कम भी नहीं है। केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई पूरी करने के बाद बीटेक करने वाली इलाहाबाद की प्रतिभा और मिर्जापुर से ताल्लुक रखने वाली प्राची दोनों ही लड़कियां अपने दोस्तों और रिश्तेदारो में सेलिब्रेटी की तरह ट्रीट की जा रही है। वजह है सूबे की सबसे अहम मेट्रो योजना। डीएमआरसी से ट्रेनिंग लेकर मेट्रो चलाने वाली इन मेट्रो पायलेट्स के चेहरे पर खुशी साफ नजर आ रही है। उन्हें खुशी है कि उन्होंने मेट्रो योजना की शुरुआत की। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और डिंपल यादव से मिलने का मौका मिला। डिंपल यादव ने हाथ मिलाया और उन्हें मेट्रो की चाबी सौंपी।
लखनऊ: चेहरे पर मुस्कान आंखों में चमक और नाजुक से दिखने वाले कंधो पर नई जिम्मेदारी, दिल में कुछ कर दिखाने का जज्बा। यह पहचान है यूपी की। उन होनहार लड़कियों की जिन्होंने लोहे की पटरी पर राज्य सरकार की सबसे अहम मेट्रो योजना को शुरू करने में मुख्य भूमिका निभाई।
हालांकि यह मेट्रो का ट्रायल है लेकिन उन्हें यकीन है कि 6 महीने बाद जनता के लिए शुरू होने वाली मेट्रो को बखूबी चला सकेंगी। लखनऊ मेट्रो ने ट्रेनीज से रूबरू करवाने के लिए मेट्रो कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया।
दोस्तों और रिश्तोदारों में बन चुकी है सेलिब्रिटी
प्राची और प्रतिभा कोई सेलिब्रेटी नहीं तो किसी सेलिब्रेटी से कम भी नहीं है। केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई पूरी करने के बाद बीटेक करने वाली इलाहाबाद की प्रतिभा और मिर्जापुर से ताल्लुक रखने वाली प्राची दोनों ही लड़कियां अपने दोस्तों और रिश्तेदारो में सेलिब्रेटी की तरह ट्रीट की जा रही है। वजह है सूबे की सबसे अहम मेट्रो योजना। डीएमआरसी से ट्रेनिंग लेकर मेट्रो चलाने वाली इन मेट्रों पायलट्स के चेहरे पर खुशी साफ नजर आ रही है। उन्हें खुशी है कि उन्होंने मेट्रो योजना की शुरुआत की। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और डिंपल यादव से मिलने का मौका मिला। डिंपल यादव ने हाथ मिलाया और उन्हें मेट्रो की चाबी सौंपी।
सपना हुआ साकार
बचपन से एस्ट्रोनॉट बनने की ख्वाहिश रखने वाली प्रतिभा का कहना है कि हमारे लिए कल का दिन बहुत गर्व का था। छह महीने से हमे जिस चीज की ट्रेनिंग दी जा रही थी उसे हमें मुख्यमंत्री के सामने पेश करना था। यह पल हमारे लिए सपना साकार होने जैसा था। लेकिन हमने सिम्युलेटर पर इसकी बहुत प्रेक्टिस की थी। इसके लिए डर लगने का तो सवाल ही नहीं उठता। प्रतिभा मेट्रों में बैठने वाली जनता का जिम्मा उठाने के लिए बिलकुल तैयार है।
कुछ अलग करने की चाहत में बनी मेट्रो पायलट
कुछ ऐसी ही कहानी है मेट्रो की दूसरी फीमेल पायलट प्राची की। तीन बहनों में सबसे बड़ी प्राची बचपन से ही कुछ अलग करने की चाहत रखती थी। मिर्जापुर से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाली प्राची कहती है कि ट्रेनिंग के दौरान जैसे ही मुझे पता चला की मेट्रो के ट्रायल के लिए मुझे चुना गया है मुझे मेरा सपना सच होता नजर आया।
लड़कियों को मिला बेहतरीन मौका
प्राची और प्रतिभा के साथ 19 लडकियां और 87 लड़के भी ट्रेनिंग का हिस्सा है ,लेकिन मेट्रों को धरातल पर लाने का सुनहरा मौका इन दो लड़कियों को ही मिला। इस बारे में ट्रेनीज लड़कों का कहना था की यूपी की योजना को शुरू करने का मौका लड़कियों को मिला यह बहुत बेहतरीन कदम है। जिससे महिला सशक्तिकरण को और ताकत मिलेगी। इन लड़कियों के साथ ट्रेनिंग कर रहे बागपत के संदीप पवार का कहना है की जब हमने घर में फोन कर के बताया कि पापा हमने ट्रेन चला दी तो पापा ने मजाक करते हुए कहा कि तुमने कहां ट्रेन तो लड़कियों ने चलाई है। लेकिन बाद ने उन्होंने भी प्राची और प्रतिभा को ढेर सारा आशीर्वाद दिया।
ट्रेनीज को रूबरू कराना बेहद जरूरी
लखनऊ मेट्रो के डिप्टी चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर शिशिर सोमवंशी के मुताबिक लखनऊ मेट्रो की तरफ से लोगों से इन ट्रेनीज के पहले बैच को रूबरू कराना बेहद जरूरी है। यह लोग ही लखनऊ मेट्रो का चेहरा है। उन्होंने कहा कि हमने जिन लोगों को ट्रेन किया है वो बहुत ही क्वालिफायड और एनेर्जेटिक है उन्हें देख कर हम इस बात से संतुष्ट है कि वो पब्लिक को अच्छी सेवा देंगे। प्राची और प्रतिभा को चुनने पर उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग पीरियड के दौरान इन दोनों का परफॉर्मन्स और कॉन्फिडेंट देख कर ही मेट्रो ट्रायल के लिए इनका चुनाव किया गया।
उन्होंने कहा कि स्टेशन कंट्रोलर, ट्रैन ऑपेरटर के 97 और कस्टमर रिलेशन असिस्टेंट के 26 ट्रेनीज है ,जिनको पब्लिक को डील करने की ट्रेनिंग दी गई है। साथ ही पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कोर्स भी कराया गया है। ताकि लोगों से बात करने और उनकी परेशानी को समझ कर खत्म किया जाए। जिससे आम जनता बेहतर मसहूस कर सके।
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