मोदी जी सुनिए! मेडिकल स्टोर ने नहीं लिया कार्ड से पेमेंट, नवजात की मौत

पीएम नरेन्द्र मोदी की तरफ से भले ही कैशलेस की अपील की जा रही हो। पिछले कुछ दिनों में केंद्र सरकार की ओर से करोड़ों रूपए विज्ञापन में फुकें|

Update: 2016-12-03 20:27 GMT

बस्ती : पीएम नरेन्द्र मोदी की तरफ से भले ही कैशलेस की अपील की जा रही हो। पिछले कुछ दिनों में केंद्र सरकार की ओर से करोड़ों रूपए विज्ञापन में फुकें हों, लेकिन हमें नहीं लगता की इससे कुछ फर्क पड़ रहा है। तभी तो यूपी के बस्ती जिले में मेडिकल स्टोर पर डेबिट कार्ड से पेमेंट लेने से इंकार करने के बाद दादा के सामने मासूम की जान चली गई। इतना ही नहीं पीड़ित की शिकायत पर दोषी के खिलाफ केस भी दर्ज नहीं किया गया।

घटना कुछ यूं है कि मालवीय रोड स्थित नवयुग मेडिकल सेंटर पर विश्वनाथ मिश्रा 30 नवंबर को अपनी बहु को लेकर आये। जहां उसी दिन आपरेशन से बेटा पैदा हुआ। दो दिन सब कुछ ठीक रहा, लेकिन तीसरे दिन बच्चे की तबियत खराब होने लगी, तो डाक्टरों ने बालरोग विशेषज्ञ एसपी चौधरी को दिखाने की सलाह दी। देर रात में बच्चे के पिता व दादा ने डॉक्टर एसपी चौधरी के चाइल्ड केयर सेंटर में मासूम को एडमिट करवा दिया। डॉक्टर ने तुरंत दवा और इंजेक्शन लाने को कहा। पर्ची पर डॉक्टर द्वारा लिखी दवा लेने के लिये पिता नर्सिंग होम में ही मौजूद मेडिकल स्टोर पर गये, जहां दवा लेने के बाद वे कार्ड से भुगतान करने को बोले तो दुकान वाले ने साफ मना कर दिया। इसके बाद नेट बैंकिग से पेमेंट करने के लिये कहा तो उस पर भी मेडिकल स्टोर वाला तैयार नहीं हुआ।

इसके बाद थकहार कर जब मासूम के परिजन अन्य मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गये, तो वह पता चला कि वह दवा सिर्फ डॉक्टर के नर्सिंग होम पर ही मिलेगी। अंत में मजबूर होकर बच्चे के पिता एटीएम की लाईन में पहुंचे, जहां वे जब तक कैश निकाल पाते तब तक मासूम की सांसे थम चुकी थीं।

मासूम की मौत के बाद दादा विश्व नाथ पांडे ने जब चौधरी के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास किया तो उन्हें मना कर दिया गया। जब इस बात की जानकारी उन्होंने सदर एसडीएम राजनारायण तिवारी को दी तो वो भी मामले को रफा दफा कराने में लग गए। जब इस घटना की जानकारी मीडियाकर्मियों को हुई तो, उन्होंने एसडीएम से इस घटना पर सवाल किया तो एसडीएम उनपर ही ऊपर भड़क गए की आप लोग पॉजिटिव खबर नहीं चलाते। जाओ हम कुछ नहीं बताएँगे जो चलाना होगा चला लीजियेगा।

 

मामला जब मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह की जानकारी में आया तो उन्होंने डीएम बस्ती को जाँच के आदेश दे दिए।

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