नया नियम: अब बेबी अडॉप्ट करने वाले पैरेंट्स के पास नहीं होगा 'पिक एंड चूज' ऑप्शन
बच्चा गोद लेने की इच्छा रखने वाले पेरेंट्स को अब बच्चे के 'चयन' का अधिकार नहीं होगा। 1 मई से लागू नए रूल के तहत चाइल्ड अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी अब ऐसे पेरेंट्स को एक ही ऑप्शन मुहैया कराएगा।
नई दिल्ली: बेबी अडॉप्ट की इच्छा रखने वाले पेरेंट्स को अब बच्चे के 'चयन' का अधिकार नहीं होगा। 1 मई से लागू नए रूल के तहत चाइल्ड अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (सीएआरए) अब ऐसे पेरेंट्स को एक ही ऑप्शन मुहैया कराएगा। अब पैरेंट्स बच्चा गोद लेने की सुविधा देने वाले राष्ट्रीय निकाय द्वारा दिए जाने वाले बच्चे को स्वीकार या खारिज ही कर सकते हैं। अब तक, गोद लेने की चाहत रखने वाले पेरेंट्स सरकार के अडॉप्शन पोर्टल CARINGS पर रजिस्ट्रेशन कराते हैं। CARINGS पेरेंट्स को 3 बच्चों की प्रोफाइल भेजता है। इनमें से पैरेंट्स कोई एक बच्चा चुन सकते हैं।
क्या है नया रूल ?
-चाइल्ड अडॉप्शन के लिए पेरेंट्स 3 रेफरल राउंड्स में पार्टिसिपेट कर सकते हैं।
-इन तीन राउंड्स में उन्हें एक बच्चे की प्रोफाइल भेजी जाएगी।
-इन राउंड्स के बीच 90 दिन का गैप होगा।
-उन्हें एक बार में बच्चा सिलेक्ट या रिजेक्ट करने का अधिकार होगा।
-तीनों राउंड्स में से किसी एक बच्चे को चुनने का हक उन्हें नहीं मिलेगा।
-राउंड्स पूरे होने के बाद अगर पैरेंट्स किसी बच्चे को नहीं चुनते हैं, तो उनका नंबर वेटिंग लिस्ट के लास्ट में आ जाएगा।
-प्रोफाइल भेजने के बाद पेरेंट्स को बच्चे को चुनने के लिए 48 घंटे का समय दिया जाएगा।
-राजी होने पर कोर्ट से अडॉप्शन ऑर्डर हासिल करने से पहले 20 दिनों का समय फॉर्मेलिटीज को पूरा करने के लिए दिया जाएगा।
क्या कहना है सीएआरए के सीईओ का ?
चाइल्ड अडॉप्शन रिसोर्स ऑथिरिटी (सीएआरए) के सीईओ लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार के मुतबिक, 'गोद लेने की दर काफी धीमी थी और बच्चे रेफरल साइकल में ही रह जाते हैं। नए रूल के तहत हम अपने अडॉप्शन पूल में मौजूद सभी बच्चों को प्रोस्पेक्टिव पेरेंट्स की बराबर संख्या को रेफर कर सकते हैं।