डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर की उपासना, तस्वीरों में देखें कैसे मना छठ पर्व
रविवार को छठ पर्व बड़ी धमूधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी नहर और पावंधोई के घाट पर सूर्य देवता और छठ माता का पूजन किया गया। रविवार शाम श्रद्धालुआें ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। सोमवार की सुबह श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी पूजा और व्रत पूर्ण करेंगे।
सहारनपुर : रविवार को छठ पर्व बड़ी धमूधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी नहर और पावंधोई के घाट पर सूर्य देवता और छठ माता का पूजन किया गया। रविवार शाम श्रद्धालुआें ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। सोमवार की सुबह श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी पूजा और व्रत पूर्ण करेंगे।
घाट पर रही भारी भीड़
गंगोह रोड स्थित मानकमऊ में बड़ी नहर के घाट और बाबा लालदास के बाडे में पावंधोई नदी के घाट पर छठ पूजन किया गया। सूर्यास्त से पूर्व दोनों घाटों पर पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। पूर्वांचल युवा सेवा समिति द्वारा छठ पर्व के उपलक्ष्य में शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा प्रकाशलोक कालोनी से शुरू होकर नंदपुरी कालोनी, पुराना शुगर मिल, मानकमऊ होते हुये गंगोह रोड स्थित बड़ी नहर पहुंची।
सोमवार तक रहेगा निर्जला व्रत
पूर्वांचल के हजारों महिला, पुरुष और बच्चे गीत गाते हुए दोनों घाटों पर एकत्र हुए और पूजा अर्चना की। सूर्यास्त के समय श्रद्धालुओं ने पानी में खड़े होकर सूर्य देवता को अर्घ्य दिया। रविवार से शुरू हुआ निर्जला व्रत सोमवार की सुबह तक रहेगा, जो सूर्य उदय के समय दोबारा सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पूरा होगा। इसके अलावा पेपर मिल के अंदर स्थित तालाब, हिम्मतनगर, वर्धमान कालोनी आदि सहित शहर के कई स्थानों पर भी सूर्य देवता की पूजा के साथ छठ पूजन किया गया।
श्रद्धालुओं के लिए की जलपान व्यवस्था
पूर्वांचल कल्याण सभा द्वारा छठपर्व के मौके पर श्रद्धालुओं के लिए जलपान की व्यवस्था की गई। सभी के सदस्यों ने छठ पर्व पर यूपी सरकार द्वारा अवकाश घोषित किए जाने पर खुशी जाहिर की। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आभार जताया। इसके अलावा इस महापर्व पर संपूर्ण व्यवस्थाएं करने के लिए पुलिस कप्तान, नगरायुक्त, एसपी सिटी और सीओ प्रथम का धन्यवाद किया गया।
इस तरह से होगी पूजा पूर्ण
छठ पर्व को लेकर पं. रामचन्द्र पांडेय ने बताया कि 'छठ पर्व पर निर्जला व्रत सभी प्रकार के मंगल प्रदान करने वाला, सभी पापों को हरने वाला, चिंता शोक को दूर भगाने वाला, आयु की वृद्धि करने वाला यह उत्तम व्रत है। बताया कि अगस्त्य मुनि के आज्ञानुसार भगवान राम ने सूर्य देवता के आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने के बाद रावण पर विजय की प्राप्ति की थी। उन्होंने बताया कि दूध देने वाली एक लाख गायों के दान का जो फल होता है उससे भी बढ़कर भगवती षष्ठी और सूर्य पूजा एवं अर्घ्य का फल होता है। सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पूजा पूर्ण होगी।'
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