श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में लगातार जारी हिंसा और सीएम महबूबा मुफ्ती की सरकार के इसे रोकने में फेल होने के साथ ही 1989 की एक घटना की याद फिर कश्मीर घाटी के लोगों के जेहन में ताजा हो गई है। उस वक्त महबूबा के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद भी एक घटना की वजह से बेबस नजर आए थे। ठीक उसी तरह जैसे आज कश्मीर में महबूबा नजर आ रही हैं।
महबूबा के पिता क्यों हुए थे बेबस?
8 दिसंबर 1989 की वो घटना थी। उस वक्त मुफ्ती मोहम्मद सईद केंद्र की वीपी सिंह सरकार में गृहमंत्री थे। उनकी दूसरी बेटी रूबिया उस वक्त 23 साल की थीं और एमबीबीएस करने के बाद वीमेन हॉस्पिटल में इंटर्नशिप कर रही थीं। वह बिना सिक्युरिटी के हॉस्पिटल आती-जाती थीं। वह ड्यूटी के बाद घर लौट रही थीं, जब बस में जेकेएलएफ के तीन आतंकी चढ़े और हथियार दिखाकर रूबिया को अगवा कर लिया। करीब दो घंटे बाद जेकेएलएफ ने एक पत्रकार को फोन कर इस बारे में बताया और पांच आतंकियों की रिहाई की मांग रखी। करीब 122 घंटे रूबिया को कब्जे में उन्होंने रखा और आतंकियों की रिहाई के बाद उन्हें छोड़ा था।
अब कहां रहती हैं रूबिया?
रूबिया अब अपने पति शरीफ अहमद के साथ चेन्नई के हर्रिंगटन रोड में रहती हैं। उनके दो बेटे भी हैं। परिवार को चौबीसों घंटे सुरक्षा में रहना होता है। पड़ोसियों से भी मेल-मुलाकात जल्दी नहीं हो पाती। सुरक्षा इतनी सख्त है कि घर के एक खास हिस्से तक ही दूधवाला और सफाई कर्मी जा सकते हैं।