जयपुर: ट्रवैल करना या घूमना हर व्यक्ति को पसंद होता है लेकिन कई लोग घूमने को लेकर पागल है तो यही लक्षण दूसरे से अलग बनाती है। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो व्यक्ति ज्यादा घूमना पसंद करते हैं, वह लोग दूसरे व्यक्ति के मुकाबले ज्यादा क्रिएटिव और समझदार होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति को नई जगहों, नई संस्कृति, नई भाषा और नए लोगों से मिलने का मौका मिलता है।
रिसर्च में कहा गया है कि ऐसे लोग दिमागी रूप से ज्यादा विकसित होते हैं। उनका दिमाग ज्यादा हेल्दी होता है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण होता है कि उनका घुमक्कड़ नेचर। ज्यादा घूमने की वजह से वह हर काम फ्रेश माइंड से करते हैं साथ ही जो भी काम करते हैं उसमें उनको सफलता भी मिलती है।
यात्रा के दौरान व्यक्ति अपनी जिंदगी के एक ऐसे हिस्से को जीता है, जिसमें वह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के तनावों को भूलकर खुश रहने की कोशिश करता है। शायद इसीलिए कहा गया है कि 'दुनिया एक किताब है और जो यात्रा नहीं करते हैं, वे सिर्फ एक पेज ही पढ़ पाते हैं।'
यात्रा के दौरान अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर लगातार बदलते रहना होता है। नई परिस्थितियों में नए फैसले लेने होते हैं। नए माहौल में जब नई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो ऐसे वक्त में लिए गए फैसले बहुत महत्वपूर्ण बन जाते हैं। इससे फैसले और जिम्मेदारी लेने के गुण को सीखने का मौका मिलता है।
सोलो ट्रैवलिंग यानी अकेले यात्रा करना। इसमें जो डर महसूस होता है, ग्रुप में यात्रा करने पर अमूमन जो फैसले लिए जाते हैं, वे सामूहिक होते हैं। विद्वानों ने कहा- अकेले यात्रा करने से 'अकेले रहने' और दूसरों से प्रभावित न होने की कला सीखने का मौका मिलता है। अकेले यात्रा के दौरान अनजान लोगों से मिलना, उनसे बात करना, उनसे दोस्ती करना, एक अनोखा अनुभव देता है। इस दौरान व्यक्ति एक तरह की स्वतंत्रता महसूस करता है। वह बगैर किसी की सलाह-मशविरा के दिल खोलकर जो करना चाहे कर सकता है।