प्रेसिडेंट-गवर्नर नहीं लेते गोपनीयता की शपथ, कौन लेता है कैसी OATH?

Update:2016-05-21 14:32 IST

लखनऊ :पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के आए नतीजों के बाद तमिलनाडु में जे जयललिता 23 को ,सर्वानंद सोनोवाल असम में 24 को ,केरल में ​पिनराई विजयन 25 को ओर ममता बनर्जी 27 मई को पश्चिम बंगाल की सीएम के पद की शपथ(ओथ) लेंगी।पुदुचेरी में कांग्रेस ,डीएमके की साझा सरकार में अभी सीएम के नाम पर फैसला अभी नहीं हुआ है।

देश में प्रेसिडेंट से जिला पंचायत सदस्य तक को ओथ दिलाई जाती है। अपने धर्म के अनुसार लोग भगवान,अल्लाह या जिसस क्राइस्ट के नाम पर ओथ लेते हैं। कहीं पद की शपथ ली जाती है तो कहीं पद के साथ गोपनीयता की। कहीं संविधान और कानून की रक्षा की शपथ ली जाती है।

प्रेसिडेंट और गवर्नर

प्रेसिडेंट और गवर्नर गोपनीयता की शपथ नहीं लेते।

प्रेसिडेंट को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ओथ दिलाते हैं।

भगवान के नाम शपथ में प्रेसिडेंट को कहना होता है कि वो संविधान की रक्षा करेंगे और भारत की जनता के प्रति वफादार रहेंगे।

वो देश की एकता और संप्रभुता बनाए रखेंगे।

प्रेसिडेंट के ओथ में गोपनीयता का जिक्र नहीं होता।

गवर्नर को उस राज्य के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ओथ दिलाते हैं।

ओथ में गवर्नर को कहना होता है कि -वो संविधान की रक्षा में तत्पर रहेंगे और गवर्नर के कर्तव्यों का पालन करेंगे।

उस राज्य की जनता की भलाई के लिए हमेशा काम करते रहेंगे ।

पीएम और कैबिनेट मिनिस्टर

-पीएम और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों को प्रेसिडेंट ओथ दिलाते हैं।

-पीएम के लिए चुने गए व्यक्ति का लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य होना जरूरी होता है।

-भगवान के नाम वो पद और गोपनीयता की ओथ लेते हैं जिसमें कहना होता है कि-

''उनके संज्ञान या विचारार्थ जो भी बातें आएंगी उसे वो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी के सामने उजागर नहीं करेंगे।''

सीएम और कैबिनेट मिनिस्टर

-सीएम और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों को गवर्नर ओथ दिलाते हैं।

-सीएम और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों को भी पद के साथ गोपनीयता की शपथ लेनी होती।

-जिसमें भगवान के नाम ओथ में कहा जाता है कि वो अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहेंगे।

-उनके संज्ञान या विचारार्थ जो भी बातें आएंगी उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी के समक्ष उजागर नहीं करेंगे।

चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट

-सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को प्रेसिडेंट शपथ दिलाते हैं तो हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को उस राज्य के गवर्नर।

-उनको भगवान के नाम शपथ में कहना होता है कि वो संविधान और कानून के अनुसार लोगों को न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे।

-चीफ जस्टिस के ओथ में भी गोपनीयता का जिक्र नहीं ​होता है।

मेयर और नगर निगम

नगर निगम के मेयर को डिविजनल कमीश्नर ओथ दिलाते हैं जबकि पार्षदों को ओथ दिलाने का अधिकार मेयर को होता हेै।

पंचायत

-जिला पंचायत और पंचायत प्रमुख को सीनियर आईएएस, डीएम या सीईओ शपथ दिलाते हैं।

-सभी को अपने संबधित इलाकों में काम और वफादारी की शपथ लेनी होती है।

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