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लखनऊ: फ्रांस के नीस में हुए आंतकी हमले में कई लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल है। इससे पहले भी आंतकियों ने 2015 में पेरिस को निशाना बनाया था। ये सिर्फ फ्रांस की बात नहीं है, बल्कि विश्व के कई देशों को इस तरह के आंतकी हमलों से गुजरना पड़ा है। आतंकियों ने दुनिया के कई देशों में समय-समय पर आंतकी हमले को अंजाम दिया है और हजारों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। आतंकियों की बढ़ते मनेबल ने दुनिया को झकझोर को रख दिया है। आइए जानते है कब –कब कुकुरमुत्ते की तरह पनपे इन आतंकियों ने दुनियाभर में घिनौनी हरकत को अंजाम दिया है।
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9/11 वर्ल्ड ट्रेड आतंकी हमला
अमेरिका 11 सितम्बर 2001 को अमेरिका के न्यूयार्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में भीषण आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई थी एक तक तरह से ये दबंग यूएसए के आत्मा हमला था। इस हमले के बाद दुनिया में बहुत बदलाव आए, आतंकी ओसामा बिन लादेन को इसका जिम्मेदार माना गया और उसके बाद अमेरिका का आंतक के खिलाफ विश्व के आंतक विरोधी देशों के साथ खड़ा हुआ।
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सितंबर 2004 बेसलैन(रूस)
रूस के बेसलैन स्कूल में हुए हमले में स्कूली बच्चों को निशाना बनाया गया था। इस हमले में आतंकियों द्वारा 3 दिन तक 1100 बच्चों को बंधक बनाया गया था। इसमें 385 लोगों की मौत हो गई थी। हमले की जिम्मेदारी चेचेन आतंकियों ने ली थी।
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26/11 मंबई का हमला
अगर इंडिया की बात करें तो यहां आतंक का कहर आए दिन बरसता रहा है। आतंकी संगठन कई बार इंडिया को अपना निशाना बना चुके है। इन हमलों में 26/11 2008 का मुंबई हमला सबसे घातक रहा है जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत और सैकड़ों लोग घायल हो गये थे। इस आंतकी हमले में दो फाइव स्टार होटलों में सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया गया था। आतंकियों ने 10 जगह अंधाधुंध फायरिंग की थी और, हमले के जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद और लश्कर ने ली थी।
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2014 पेशावर स्कूल नरसंहार
आतंकियों का गढ़ कहे जाने वाले पाकिस्तान को भी आतंकियों ने नहीं बख्शा है। यहां के पेशावर शहर के एक सैनिक स्कूल में तालिबान के हमले में 132 बच्चों समेत 140 से ज्यादा लोग मारे गए थे। तालिबानी आतंकवादियों ने स्कूल की चारदीवारी से अंदर घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। अपनी जान बचाने में कामयाब छात्रों ने इस दर्दनाक हमले का मंजर बयां करते हुए कहा था कि आतंकवादी एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाकर बच्चों को गोलियां मारते रहे। उस वक्त आतंकियों ने बच्चों को भी अपनी घिनौनी मानसिकता का शिकार बनाया। जिसकी दुनियाभर में निंदा हुई थी।
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2014 अफगानिस्तान में आतंकी हमला
आंतकियों ने अफगानिस्तान को भी नहीं छोड़ा है। इससे लगता है कि ये किसी के नहीं होते है। बस इनकी मानसिकता लोगों को मारना होता है। अफगानिस्तान में 23 नवंबर, 2014 को आंतकी हमला हुआ था। तालिबान के आत्मघाती हमलावरों ने यहां वॉलीबॉल मैच देख रहे 60 से अधिक लोगों को मार डाला था।
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7 जुलाई 2016 बांग्लादेश हमला
बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 70 किलोमीटर दूर किशोरगंज में 7जुलाई 2016 की सुबह हुए बम ब्लास्ट में एक पुलिस अफसर समेत चार लोगों की मौत हो गई। 7 दिन के अंदर बांग्लादेश में हुए दूसरे आतंकी हमले में 12 लोग घायल हैं। एक आतंकी को मार गिराया गया, जबकि एक अन्य को गिरफ्तार किया गया है। बांग्लादेश के सबसे बड़े ईदगाह के बाहर हुए ब्लास्ट के वक्त लाखों की तादाद में नमाजी ईद की नमाज के लिए आए थे।
इन आतंकी संगठनों ने अबतक दुनिया के कई कोने में अपनी आतंकी घटना को अंजाम दिया है,लेकिन इनसे निपटने के लिए अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। इससे आंतकियों का मनोबल बढ़ा है। जब ओसामा के खिलाफ अमेरिका ने कार्रवाई की तो लगा कि तब दुनिया से आतंक खात्मा हो गया,लेकिन उसके बाद लगता है आतंकियों के मनोबल और बढ़े है। तभी कई बड़ी घटनाों को अंजाम दिया। जिसका समय-समय पर हम सब गवाह बन रहे है। आतंक से निपटने के लिए पूरे विश्व को मिलकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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