यूपी में इस 25 वर्षीय युवक का चला जादू, पुरी दुनिया में हो रही वाहवाही

किसी ने सच ही कहा है कि मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। आज हम आपको बुंदेलखंड के हमीरपुर...

Update:2020-01-16 19:43 IST

हमीरपुर। किसी ने सच ही कहा है कि मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। आज हम आपको बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के सरीला तहसील के अति पिछड़े जो मूलभूत सुविधाओं से दूर एक एसे गांव में लेकर चलते है जहा पर एक 25 वर्षीय युवा ने बिना किसी कि मदद से अपने गांव,जिला व प्रदेश का नाम रौशन करने कि ठानी है।

जी हां अभी तक वह अपनी कलाकारी लोहा देश और विदेश में अच्छो -अच्छो से मनवा चूका है और दर्जनों अवार्ड अपने नाम कर चूका है लेकिन अब वह अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज करवा कर देश का नाम रौशन करना चाहता है।

आर्टिस्ट के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किये

बुन्देलखण्ड के हमीरपुर जिले के अति पिछड़े गांव बरौली खरका में जहाँ मूलभूत सुविधाओं का टोटा है।वहा एक गरीब परिबार में जन्मे अवनीश ने जिले ही नही पूरे देश मे हमीरपुर जिले का नाम रोशन आर्टिस्ट के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किये परिवार के अलावा।

नही मिला किसी अधिकारी व जनप्रतिनिधि का सहयोग हमीरपुर जिले के अति पिछड़े क्षेत्र में जन्मे विलक्षण प्रतिभा के धनी अवनीश का जन्म बरौली खरका में 4 जुलाई 1993 को हुआ था।मध्यम परिवार में जन्मे अवनीश के पिताजी जयप्रताप अपने परिवार का भरण पोषण फर्नीचर का कार्य करके चलाते है।

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परिवार में मध्यमा बहिन से सबसे बडी,भाई ऋषि विश्वकर्मा,श्रवण विश्वकर्मा,बहिन भाई से सबसे छोटा अवनीश है। माता चंद्रा देवी गृहणी है। अवनीश ने बताया की कक्षा 5 तक मेरी शिक्षा बरौली गांव के प्राइमरी स्कूल में हुई।

बच्चों के ट्रैक्टर बनाकर मेले में बेचा करता था

तब में छोटे बच्चों के खेलने के समान,उलसा बिल्ला और बच्चों के ट्रैक्टर बनाकर मेले में बेचा करता था। एक-एक सामान जो मैं बनाता था एक समान के मुझे 10 मिलते थे। फिर कक्षा 8 शिशु शिक्षा निकेतन महोबा से पास किया।

कामकाम न मिलने,ओर कारखाने में अधिक बढ़ोतरी न होने पर पिताजी ने मुझे और मेरे बड़े भाई को वापस बुला लिया और कारखाना गांव में शिफ्ट कर लिया था।हाईस्कूल के बाद फिर मुझे 11बी सनातन धर्म इंटर कॉलेज उरई में दाखिला लिया।

पढ़ाई में छात्रवृत्ति मिली थी

11 में एक पेपर में देर से पहुंचने पर मैं फेल हो गया मुझे मजबूरन इंटर में इलाहाबाद से फॉर्म भर कर पास करना पड़ा। मेरी आर्ट काफी अच्छी थी पर मैं वैज्ञानिक बनना चाहता था तो विज्ञान गणित बहुत पड़ता था और आर्ट पेन से बनाने लगा था उसके बाद अभिनव प्रज्ञा महाविद्यालय राठ से बीएससी मैथ से स्नातक की डिग्री ली है पहली साल थी जब मुझे पूरी पढ़ाई में छात्रवृत्ति मिली थी।

में बीटेक करना चाहता था।मेरी पारिवारिक स्थिति सही न होने पर, पापा पहले से कर्ज में थे तो मैं नहीं चाहता था कि दोबारा कर्ज में दबे।तब मुझे काफी समझ आ चुकी थी।

हमीरपुर मुख्यालय से लगभग 75 किलो मीटर दूर सरीला तहसील में स्थित यह छोटा सा गांव है बरौली खरका जहा पर स्थित इस घर में रहता है वह कलाकार जिसकी कलाकारी देख कर आप दातो तले उगली दवाने को मजबूर हो जायेंगे।

आइये मिलिए पच्चीस वर्षीय युवा कलाकार अवनीश विश्वकर्मा जो अपने माता पिता के साथ यहा रहता है अवनीश को बचपन से ही कुछ अलग करने कि सोच ने ही उन्हें आज उस मुकाम में ला कर खड़ा कर दिया है जहा पर कोई ही शायद पहुच सकता है इसका अंदाजा आप दीवाल में टंगे दर्जनों प्रमाण पत्र व मेडल देख कर लगा सकते है।

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अवनीश ने पिछले दो सालो में सैकडो येसी पेंटिग बनाई है जिसे देख कर आप दंग हो जायेंगे येसी ही एक पेंटिग जो अपने देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए पी जे अब्दुल कलाम जी की तीसहजार छः एक इतेप्लर पिन लगाकर बनाई है जो कि अपने आप में एक अनोखी कलाकृति है।

एशिया पेफिक रिकॉर्ड 2019 से समान्नित किया गया

अवनीश ने बताया कि सबसे पहले सबसे पहले मुझे हॉट मनिया द्वारा आयोजित नेशनल बर्ड साल में मैंने अपनी प्रतिभा दिखाई और मुझे बेस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

दर्जनो अवार्ड जिनमे एशिया पेफिक रिकार्ड जो प्रधानमंत्री मोदी जी के 825 आर्टवर्क गुजरात राजकोट में एक्सिबेशन में तीन रिकॉर्ड नेशनल,ग्लोबल ,एशिया पेफिक रिकॉर्ड 2019 से समान्नित किया गया।

गांधी आर्ट गैलरी दिल्ली में एक्सिस आर्टज़ोन द्वारा आयोजित इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ आर्ट एक्सिवशन जिसमे 9 देशों के 25 आर्टिस्ट ने प्रतिभाग किया जिसका मुझे 2019 का प्रथम बेस्ट आर्ट वर्क मेडल से सम्मानित किया गया स्वामी विवेकानंद जी का स्टेपलर आर्ट वर्क जिसे 17005 स्टेपलर द्वारा बनाया गया जिसमें मुझे इंडिया बुक रेकॉर्ड 2019 से सम्मानित किया गया।

सभी धर्मों,मनुष्य के जीवन काल को बखूबी चित्रण किया

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का स्टेपलर आर्ट वर्क जिसे 30601 स्टेपलर द्वारा,व प्रधानमंत्री मोदी जी को 3932 किलो से नेल आर्ट,मदर टेरेसा का सनलाइट आर्ट जिसमे किसी औजार ओर कलर पेन पेंसिल का प्रयोग नही किया गया।यह चित्रण अनोखी अद्भुत है। जिसमे सभी धर्मों,मनुष्य के जीवन काल को बखूबी चित्रण के माध्यम से दिखाया गया।

जिसमें मुझे इंटरनेशनल अवार्ड 2019 से सम्मानित किया गया।शेडो आर्ट, परछाई चित्रण,जिसमे एक से बढ़कर एक बुन्देलखण्ड के किसान की दुर्दशा,देश मे बढ़ता प्रदूषण सहित देशभक्तों सहित अन्य चित्रण बखूबी बनाये जिनमे,डॉ अब्दुल कलाम,माइकल जेक्सशन,वर्डवाय,द्वितीय विश्व युद्ध,सुभाष चंद बोष,भोलेशंकर,कर्ज से परेशान किसान द्वारा फांसी पर झूलता।

बुन्देलखण्ड के किसान की दुर्दशा का बखूबी चित्रण किया

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किसान पर आधारित डॉट पेंटिंग 45554 डॉट द्वारा,जिसमे सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड के किसान की दुर्दशा का बखूबी चित्रण किया गया।स्वामी ब्रह्मानन्द ,जी अनूठा चित्र लकड़ी,एल्युमिनियम,नट बोल्ट कलर प्लाई से बनाया।

लकड़ी के बर्तन,समय के लिये अद्भुत घड़ी जिसमे माता पिता पुत्रके हाथ चक्र द्वारा समय सहित अन्य पेंटिंग व चित्रण से चित्रण बनाया गया जिसमें ,2019 में सम्मानित किया गया।

अपने हुनर के दम पर एक नया कीर्तिमान हासिल किया है

आगे गिनीज वर्ड रेकॉर्ड में नाम दर्ज कराने जिससे गांव क्षेत्र व मेरे देश का नाम पूरी दुनिया मे हो। वही अवनीश के पिता ने उसका इस काम में पूरा सहयोग दिया है और अपने बेटे के इस कला के लिए वह हमेशा उसे प्रोसाहित कर आंगे बढने में मदद करते है।

हमीरपुर जिले के इस छोटे से गांव में जहा कोई भी मुलभुत सुविधाए नही है वहा से एक नौजवान में अपने हुनर के दम पर एक नया कीर्तिमान हासिल किया है अवनीश के इस हौसले को हम सभी लोग सलाम करते है।

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