ऑक्सीजन-वेंटिलेटर के बाद मेडिकल स्टाफ की कमी, 5 मरीजों ने तोड़ा दम
इटावा जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की कमी से पांच मरीजों की मौत का मामला सामने आया है। लगभग तीन मरीज गंभीर हालत में हैं।
इटावा: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। यहां बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी से मरीज परेशान हैं। आलम ये हैं कि यूपी में पिछले 24 घंटों में 195 लोगों की मौत हो गयीं। जिसमें से पांच मरीज इटावा जिला अस्पताल के हैं। इन मरीजों की मौत वेंटिलेटर की कमी से हो गयी है। वहीं तीन और मरीजों की हालत गंभीर हैं। जिला प्रशासन की लापरवाही और वैंटिलेटर की कमी से मरीजों की मौत से जिले में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल, जनपद इटावा के जिला अस्पताल में वैंटिलेटर की कमी से पांच मरीजों की मौत का मामला सामने आया है। लगभग तीन मरीज गंभीर हालत में हैं। कोरोना मरीजों की मौत के जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली।
जानकारी के मुताबिक, जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में वेंटिलेटर ऑपरेटर, स्टाफ नर्स, स्वीपर तक पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। इनकी कमी भी मरीजों की मौत का सबब बनी हुई है। वहीं शुक्रवार को जब महिला सीएमएच विंग का निरीक्षण करने पहुंचे सीएमएस ने अव्यवस्थाएं और कमियां देखीं तो सख्त निर्देश जारी किये। सीएमएस ने स्वीपर से वेंटीलेटर ऑक्सीजन ऑपरेट करने के लिए ऑन कैमरा डॉ को निर्देश दिए।
स्टाफ पूरा करने की गुहार
कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ ने पांच कोरोना मरीजों की मौत की वजह सीएमएस को बताई। साथ ही डॉक्टर ने सीएमएस से स्टाफ पूरा करने की गुहार भी लगाई। पता चला है कि अस्पताल में वेंटिलेटर तो हैं, जो कि बंद कमरों में रखें हैं और उनका इस्तेमाल तक नहीं हो पा रहा। हालंकि इसकी वजह वेंटिलेटर ऑपरेटर और मेडिकल स्टाफ की कमी हैं। बता दें कि इटावा महिला अस्पताल के एमसीएच विंग में कोविड हॉस्पिटल बना हैं। जहां मेडिकल स्टाफ की कमी से मरीज दम तोड़ रहे हैं।
बता दें कि गुरुवार शाम को आए आंकड़ों के मुताबिक यूपी में बीते 24 घंटे में 34379 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं, तो वहीं 195 लोगों को जान चली गई जो अब तक का एक रिकॉर्ड है। राजधानी लखनऊ (Lucknow) में 5239 संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं, तो वहीं 19 लोगों की मौत हो गई।