साधू वेश धारी ने कोर्ट में कहा-जज साहब मैं जिन्दा हूँ, जानें जौनपुर का ये मामला

यह पूरा घटना क्रम जनपद के सीजेएम कोर्ट का है। जहां बीते सोमवार को थाना खेतासराय स्थित बरजी गांव निवासी जिस मूलचंद्र का अपहरण कर हत्या के मामले में सुनवाई चल रही थी

Update: 2021-03-02 07:08 GMT
साधू वेश धारी ने कोर्ट में कहा-जज साहब मैं जिन्दा हूँ, जानें जौनपुर का ये मामला (PC: social media)

जौनपुर: दीवानी न्यायालय के एक कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक ऐसा मामला न्यायाधीश के सामने आया कि वह भी भौचक्का हो गये। कोर्ट में न्यायधीश के सामने अचानक एक व्यक्ति साधु के वेश में पहुंचता है और खुद की जान को खतरा बताते हुए बचाने की गुहार लगाता है। कोर्ट में जैसे ही आवाज गूंजती है ''जज साहब! मैं जिंदा हूं, मुझे जान का खतरा है'' सुनकर सन्नाटा छा जाता है।

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यह पूरा घटना क्रम जनपद के सीजेएम कोर्ट का है

यह पूरा घटना क्रम जनपद के सीजेएम कोर्ट का है। जहां बीते सोमवार को थाना खेतासराय स्थित बरजी गांव निवासी जिस मूलचंद्र का अपहरण कर हत्या के मामले में सुनवाई चल रही थी, वही मूलचन्द अचानक साधु के वेश में कोर्ट में पहुंच गया। प्रार्थना पत्र देने वाले से ही जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई। कोर्ट ने वादी को अपना पक्ष रखने के लिए अब 17 मार्च की तारीख मुकर्रर कर दी है।

उसके अविवाहित चाचा मूलचंद जो मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं

बतादे कि खेतासराय थाना क्षेत्र के बरजी गांव निवासी अनिल कुमार बिंद ने कोर्ट में अपने अधिवक्ता के जरिए प्रार्थना पत्र दिया था कि उसके अविवाहित चाचा मूलचंद जो मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, उनका अपहरण फूलचंद, हरिश्चंद्र व अन्य आरोपियों ने करके विगत वर्ष 04 नवंबर 2020 को उनकी संपत्तियों का बैनामा करा लिया है। बैनामा कराने के बाद अपहरण कर्ताओ ने मूलचंद की हत्या कर शव गायब कर दिया। जिस पर कोर्ट ने थाने से रिपोर्ट तलब की। कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान पिछली तारीख 19 जनवरी 21 को कोर्ट में दरखास्त पड़ी कि मूलचंद जिंदा है।

साथ ही मुकदमा वादी अनिल कुमार बिन्द पर आरोप लगाया

उसका पहचान पत्र दाखिल किया गया तो कोर्ट ने उस व्यक्ति मूलचन्द को प्रस्तुत करने का आदेश दिया। बीते सोमवार यानी 01मार्च 21 को साधु के वेश में एक व्यक्ति कोर्ट में हाजिर हुआ और खुद को मूलचंद होने का दावा किया। साथ ही मुकदमा वादी अनिल कुमार बिन्द पर आरोप लगाया कि मुझे परेशान करने के लिए यह फर्जी आवेदन पत्र दिया गया है। मैं संन्यासी और अविवाहित हूं। आवेदक अनिल का पूरा परिवार मेरी पूरी जमीन बिना पैसे दिए लेना चाहते हैं।

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मैंने अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए कई बार थाने में दरखास्त दी, लेकिन मुझे आज तक कोई सुरक्षा नहीं मिल पाई। मुझे सुरक्षा दी जाए। हलांकि मुकदमा वादी के अधिवक्ता ने विरोध किया कि कोर्ट में साधू के वेश में आया व्यक्ति मूलचंद नहीं है। प्रार्थना पत्र के साथ दाखिल मृतक के आधार कार्ड की फोटो से भी उसके चेहरे का कोई मेल नहीं खाता है। कोर्ट ने अब पूरे मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 17 मार्च के लिए मुकर्रर कर दिया है।

रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य

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