लखनऊ में भी उठी आवाज, तुम जितने अफजल भेजोगे हम उतने अफजल मारेंगे
एबीवीपी के कार्यकर्ता संसद हमले के दोषी देशद्रोही अफजल गुरु और मकबूल भट्ट जैसे आतंकवादियों को शहीद और हीरो का दर्जा दिए जाने के विरोध में जुलूस निकालकर हजरतगंज चौराहे पर पुतला दहन कर रहे थे।
लखनऊ: ''तुम जितने अफजल भेजोगे हम उतने अफजल मारेंगे'' के नारों के साथ जेएनयू प्रकरण का हजरतगंज में विरोध कर रहे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस की हल्की झड़प हुई। इसमे कुछ कार्यकर्ताओं और पुलिस को मामूली चोटें आई हैं।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देश विरोधी प्रदर्शन के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को काबू करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ नारेबाजी कर रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने हल्की लाठियां चलाईं। इस दौरान वहां भगदड़ मच गई। मौके पर मौजूद एसपी सिटी, सीओ हजरतगंज अशोक कुमार वर्मा, इंस्पेक्टर हजरतगंज विजयमल यादव ने किसी तरह हालात को काबू में किया।
ऐसे भड़का मामला
एबीवीपी के कार्यकर्ता संसद हमले के दोषी देशद्रोही अफजल गुरु और मकबूल भट्ट जैसे आतंकवादियों को शहीद और हीरो का दर्जा दिए जाने के विरोध में जुलूस निकालकर हजरतगंज चौराहे पर पुतला दहन कर रहे थे। इसी दौरान रोहित वेमुला की मौत के मामले में पहले से धरना दे रहे सीपीआईएम के कार्यकर्ताओ ने वामपंथी दल पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा दिए। जिसे एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सुन लिया। इसके बाद एबीवीपी कार्यकर्ता हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन करने चले गए। जहां मामला पुलिस को बताया और वामपंथी दलों को धरने से हटाकर उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे। इस बीच पुलिस से उनकी काफी देर तक तीखी झड़प और धक्का-मुक्की हुई।
एबीवीपी ने क्या कहा
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का कहना था कि आतंकवादियों के साथी भी उन्हीं की श्रेणी में आते हैं, इसलिए उनके साथ भी वैसा ही वर्ताव होना चाहिए जैसा अफजल गुरु के साथ हुआ।