लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों से हुई सौर ऊर्जा की शुरुआत अब शहरों तक पहुंच रही है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, शहरों के हर चौराहे पर हाई लाइट मास्ट लगाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।इसका खाका तैयार हो चुका है।
शहरों में सौर ऊर्जा
-राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में ऐसे 40 स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां सौर ऊर्जा से जलने वाली हाई लाइट मास्ट लगाई जाएंगी।
-यह जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री के सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत विभाग के प्रभारी ने दी है।
-यह महत्वाकांक्षी कार्यक्रम, जनेश्वर मिश्र ग्राम और लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना की अगली कड़ी है, जिसके तहत सौर ऊर्जा पर आधारित 1 लाख 10 हजार एलईडी पहले ही लगाई जा चुकी हैं।
बड़ी उपलब्धि
-पहली सौर ऊर्जा नीति-2013 और उत्तर प्रदेश छोटी ग्रिड नीति-2016 को अमली जामा पहनाने का श्रेय उत्तर प्रदेश को ही जाता है।
-ग्रिड से जुड़ी 500 मेगावाट की क्षमता का लक्ष्य प्रदेश कुछ ही महीनों में हासिल करने वाला है।
-यह उपलब्धि इसलिए और बड़ी हो जाती है, कि 2013 से पहले सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य की कोई पहचान नहीं थी।
वैकल्पिक ऊर्जा का विस्तार
-पार्थसारथी सेन शर्मा के अनुसार स्ट्रीट लाइटिंग के अलावा प्राइमरी स्कूलों में अब तक आरओ के पानी के लिए 300 सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं, और पंखे-बिजली भी सौर ऊर्जा से संचालित किए जा रहे हैं।
-200 अन्य स्कूलों में यह काम तेजी के साथ प्रक्रिया में है।
-इससे पहले, 2014 में एक समर्पित नीति के तहत छतों पर लगाए गए सौर ऊर्जा संयंत्रों से प्रतिमाह 5 लाख यूनिट बिजली उत्पादन किया जा रहा है।
-ये संयंत्र इलाहाबाद, लखनऊ, आगरा और कौशांबी में स्थापित किेए गए हैं।
-लखनऊ, वाराणसी, आगरा, इलाहाबाद, कौशांबी, मुरादाबाद के विकास भवनों में ये संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं।
-लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में भी जल्द सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे।
-सरकारी क्षेत्र में मिनि ग्रिड वाली 5 सौर ऊर्जा परियोजना उन्नाव, रायबरेली, मुरादाबाद, गाजीपुर और प्रतापगढ़ में अंतिम चरण में हैं, जबकि निजी क्षेत्रों की सहायता से 17 अन्य परियोजनाएं हरदोई, सीतापुर, उन्नाव और लखीमपुर जिलों में लगभग तैयार हैं।
आकर्षित हुईं कंपनियां
-प्रदेश में 600 मेगावाट की क्षमता से सौर पार्कों का निर्माण भी प्रस्तावित है।
-मुख्यमंत्री के सचिव के अनुसार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश की इस प्रगति को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की भी सराहना मिल चुकी है।
-कलाम ने कन्नौज के फकीरपुर चंदुआहार गांव में स्थापित 250 किलोवाट वाले मिनि ग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र का दौरा किया था, और प्रदेश की इस पहल को सराहा था।
-सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य सरकार की प्रोत्साहन योजना ने कई निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी आकर्षित किया है।
-ये कंपनियां राज्य में सौर पार्कों के निर्माण और टाउनशिप विकसित करने में रुचि दिखा रही हैं।