Etah News: मिट्टी की ढाय गिरने से हुई तीन बच्चों की मौत, जेसीबी मशीन से किये गए दफन, सामने आई प्रशासन की संवेदनहीनता
Etah News: ग्राम प्रधान सुखवीर यादव ने बताया कि किसी भी इंसान के अंतिम संस्कार के लिए गड्ढा फावड़े से हाथों से खोदा जाता है। यह पहली बार हुआ है, जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदा गया हो।
Etah News: एटा जनपद के थाना राजा का रामपुर क्षेत्र (Thana Raja's Rampur area) के गांव फकीरपुरा के कौशल, सचिन और गोविंद नामक बच्चों की मिट्टी की ढाय में दबने से हुई मौत के बाद गांव में कोहराम मच गया था। मृतक तीनों बच्चे अच्छे दोस्त थे इनमें से दो एक ही स्कूल में पढ़ते थे। तीनों ही बच्चे अधिकांश समय साथ ही रहते थे। इसे भाग्य कहें या दुर्भाग्य तीनों की मौत भी साथ में आई और इसके बाद इसे सहमति कहें या दबाव बाद उन्हें एक साथ ही नदी किनारे जेसीबी से दफन किया गया। यानी दोस्ती ऐसी रही कि तीनों ने जिन्दा रहने के साथ साथ मौत तक का सफर एक साथ तय किया।
बृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में तीनों के शव काली नदी के किनारे जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदकर दबाए गए। अंतिम संस्कार के दौरान वहां अधिकारियों सहित गांव के लोगों की काफी भीड़ रही। तीनों दोस्तों में से सचिन पढ़ता नहीं था। जबकि कौशल और गोविंद गांव परसूपुर तमरौरा के श्री रामेश्वर सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ते थे। पड़ोस में रहने की वजह से तीनों में बहुत गहरी दोस्ती थी ।
मिट्टी में दबे हुए मिले थे तीनों बच्चे
बीते दिन भी कौशल और गोविंद रोजाना की तरह सुबह विद्यालय पढ़ने के लिए निकले थे। जबकि सचिन खेत पर काम करने की कहकर गया था। बाद में तीनों मिल गए और गांव से बाहर मिट्टी के टीले के पास पहुंच गए । उनकी मौत कैसे और कब हुई यह तो अभी भी रहस्य बना हुआ है । देर शाम तक बच्चों के घर न पहुंचने पर उन्हें तलाश किया गया । काफी तलाश के बाद उनके शव गांव वालों को शाम के समय मिट्टी में दबे हुए मिले थे। जिन्हें पुलिस ने रात में ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
जिसने भी सुना प्रशासन की संवेदनहीनता की निंदा की
सुबह के समय शव वापस गांव पहुंचाए गए। सभी रिश्तेदार आदि आने के बाद दोपहर बाद करीब 3 बजे अंतिम संस्कार की तैयारी की गई। प्रशासन ने जेसीबी मंगाकर एक गड्ढा कराया गया। इसमें तीनों ही किशोरों के शवों को आसपास एकसाथ लिटाकर मिट्टी में दबा दिया गया।
ग्राम प्रधान तमरैरा सुखवीर यादव ने बताया कि वैसे किसी भी इंसान के अंतिम संस्कार के लिए गड्ढा फावड़े आदि की सहायता से हाथों से ही खोदा जाता है। लेकिन यह पहली बार हुआ है, जब कि किसी इंसान या उसके बच्चे के लिए जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदा गया हो। प्रशासन के अनुसार परिजनों की ही जेसीबी से गढ्ढा खुदवाने की यह व्यवस्था थी।
अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था परिजनों ने की थी- उपजिलाधिकारी
उपजिलाधिकारी अलीगंज मानवेंद्र सिंह ने बताया कि कानून व्यवस्था के मद्देनजर प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे, मैं स्वयं भी मौजूद था। अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था परिजन और ग्रामीणों ने की थी। जेसीबी मशीन भी उन्होंने ही मंगाई थी।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आयुष चौधरी ने कहा कि ढाय गिरना दैवीय आपदा में नहीं आता है। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता दिलाए जाने के लिए पत्र भेजा जाएगा। अन्य किसी योजना के तहत स्थानीय स्तर से जो लाभ हो सकता है, परिजनों को दिलाया जाएगा।