समानांतर शरई अदालतों के गठन को लेकर उबाल, AIMPLB ने पेश की सफाई

Update:2018-07-10 22:21 IST

लखनऊ : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की लखनऊ में होने अहम बैठक अब 15 जुलाई को दिल्ली में होगी। इस बैठक में हर जिले में शरई अदालत (दारुल-क़ज़ा) के गठन पर विचार का प्रस्ताव है। बैठक में अयोध्या विवाद, ट्रिपल तलाक और महिलाओं के सामाजिक अधिकार जैसे मुद्दे ज़ोर शोर से उठेंगे। बैठक में ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला विंग की बैठक के प्रस्ताव भी रखे जाएंगे। महिला विंग की बैठक 30 जून और 1 जुलाई को हैदराबाद में हुई है। शरई अदालत के गठन के प्रस्ताव पर विचार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

ये भी देखें : कॉपीराइट के बाद आई देवबंद से सफाई : फतवा एक शरई राय है

अदालतों के समानांतर शरई अदालत सही नहीं - मोहसिन रज़ा

दरअसल ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक नदवतुल उलेमा कालेज लखनऊ में होनी थी। लेकिन ऑल इण्डिया मजलिस -ए- इत्तेहादुल मुस्लमीन के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का भारी विरोध शुरू हो गया। जिस के बाद हंगामे की आशंका के चलते बैठक लखनऊ की जगह दिल्ली में करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में हर जिले में शरई अदालत (दारुल-क़ज़ा) के गठन पर विचार का प्रस्ताव है। जिस के जरिए घरेलू मामलों में सुलह सफाई से मसला हल किया जाता है। यह अदालत पहले से चलती आ रही है। जिसे अब देश भर हर जिले में खोले जाने पर विचार होना है। लेकिन उससे पहले ही विवाद शुरू हो गया है। योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रज़ा का कहना है, कि जब देश में अदालते अपना काम कर रही हैं। तो ऐसे में समानांतर शरई अदालत का क्या मतलब बनता है।

ये भी देखें : वसीम की वो ’18 बातें’ जो साबित करती हैं कि इस बार ‘बर्र के छत्ते’ में हाथ दे दिया

विवाद के बाद ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जीलानी कहते हैं कि जिलों में शरई अदालते खोलने जैसा कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने बताया कि इस्लाम में दारुल-क़ज़ा के ज़रिये शरई मामलात सुलझाए जाते रहे हैं। ताकि हर मामला अदालत में नहीं पहुंचने पाए। कई ज़िलों में दारुल-क़ज़ा के ज़रिये घरेलु झगडे निपटाए जा रहे हैं। दारुल क़जा को अदालत की तरह कोई ज्यूडिशल पावर नहीं है।

जीलानी ने कहा कि बोर्ड की बैठक में तमाम दूसरे मसलों के साथ वकीलों, न्यायाधीशों और आम लोगों को शरीयत क़ानून के फलसफ़े और तर्कों के बारे में बताए जाने वाले कार्यक्रमों का सिलसिला तेज़ करने पर विचार होगा।

Tags:    

Similar News