सरकार बनने पर सभी शिक्षामित्रों को देंगे सरकारी नौकरी: अखिलेश यादव
लोकसभा चुनाव जो छठवें चरण का 12 मई को वोटिंग पडना है। इसी को लेकर सपा पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा- बसपा गठबंधन प्रत्याशी आफताब आलम के लिए सिद्धार्थनगर के इटावा विधानसभा में एक विशाल रैली किया।
गोरखपुर: लोकसभा चुनाव जो छठवें चरण का 12 मई को वोटिंग पडना है। इसी को लेकर सपा पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा- बसपा गठबंधन प्रत्याशी आफताब आलम के लिए सिद्धार्थनगर के इटावा विधानसभा में एक विशाल रैली किया। जिसमें अखिलेश यादव को सुनने के लिए जन सैलाब उमड पड़ा।
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किया और कहा कि ये चुनाव देश का चुनाव है, देश के भविष्य का चुनाव है। इसमें हमारी मदद करना हमे खुशी होगी। ये चुनाव गठबंधन जितने जा रहा है।
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छठवे व सातवें चरण में भाजपा का सूपड़ा साफ होने जा रहा है। भाजपा गठबंधन से हार गई अब तक जितने भी चरण का चुनाव हुआ उन सब मे भाजपा हारी हुई है। यही गठबंधन उन्हें हरा दिया है ,और मुख्यमंत्री भी हारने वाले हैं।
भाजपा के लोगों ने झूठ पर झूठ बोला कि अच्छे दिन आ गए हैं। वहीं शिक्षा मित्र भी जानते हैं कि अच्छे दिन आ गए हैं । ये भाजपा के लोग झूठ बोलने वाले लोग हैं। अगर अच्छे दिन छीने हैं तो बाबा जी ने छीने हैं। अब चाय का पता लग गया शिक्षा मित्रों को लखनऊ में लाठी खाए लेकिन अब इन्हें चाय का टेस्ट पता चल गया।
हमारी सरकार बनने पर सभी शिक्षा मित्रों को नौकरी देंगे और किसानों की आय दुगनी करेंगे। इन्होने हर चीज महंगी कर दी खाद की बोरी से पांच किलो चोरी हो गई। हमने सिद्धार्थनगर की जो पहचान काला नमक चावल थी। उसको ब्रांड बना दिया था लेकिन ये उसको भी आगे नही बढ़ा पाए।
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आज सिद्धार्थनगर में विकास रुक गया है जो पैसा हमने यूनिवर्सिटी को दिया उसके बाद कोई धन नही आया। हमको जब भी मौका मिलेगा सिद्धार्थनगर का विकास करेंगे ।जो एम्बुलेंस थी 100 और 102 उसे बाबा जी ने खराब कर दी 100 नम्बर को थाने की बीमारी लग गई है ।
भाजपा ने लैपटॉप देने का वादा किया था अभी तक नही बटा और बटेगा भी नही क्योंकि बाबा लैपटॉप चलना जानते ही नही ।
इन्होने कहा कि नोट बन्दी हो जाये तो भष्ट्राचार खत्म हो जाएगा लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
सीमाएं अगर सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं तो इनकी सरकार में है ये भाजपा के लोग एक जवान से डर गये। देश को प्रधानमंत्री चाहिए प्रचार मंत्री नही आबादी के हिसाब से सबको हक दिया जाना चाहिए। अगर हम दिल्ली गए तो सभी के साथ न्याय होगा। इनसे पांच नही सात साल का हिसाब लेना है । जबसे इनको हार का पता चला है तब से इनकी भाषा ही बदल गई है।
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