HC पूर्णपीठ का फैसला:डिप्लोमा धारक ही JEपदों पर नियुक्ति के लिए अर्ह
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पूर्णपीठ ने फैसला दिया है कि इंजीनियरिंग डिग्री जूनियर इंजीनियर पद पर नियुक्ति की अर्हता नहीं है। केवल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक ही नियुक्ति योग्यता रखते है।
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पूर्णपीठ ने फैसला दिया है कि इंजीनियरिंग डिग्री जूनियर इंजीनियर पद पर नियुक्ति की अर्हता नहीं है। केवल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक ही नियुक्ति योग्यता रखते है। वही नियुक्त हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकार नियोक्ता है, किसी भी पद पर नियुक्ति की योग्यता, अर्हता निर्धारित करने का उसी को अधिकार है। कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। यह फैसला न्यायमूर्ति बी. के. नारायण, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पूर्ण पीठ ने दीपक सिंह व दर्जनों अन्य याचिकाओं पर सवालों का निस्तारण करते हुए दिया है।
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कोर्ट ने यह मानने से इंकार कर दिया कि इंजीनियरिंग डिग्री बेहतर योग्यता है, इसलिए उनकी भी नियुक्ति की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा डिप्लोमा व डिग्री भिन्न योग्यता है। दोनों की तुलना नहीं की जा सकती। इसलिए सरकार का जूनियर इंजीनियर की नियुक्ति से इंजीनियरिंग डिग्री को अलग रखने का निर्णय सही है। इंजीनियर डिग्रीधारक जूनियर इंजीनियर पद की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते। कोर्ट ने कहा कि जरूरत के हिसाब से सरकार को पद की योग्यता निर्धारित करने का अधिकार है। कोर्ट नियुक्ति योग्यता की शर्ते तय नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा है कि ओ लेबल डिप्लोमा व पीजीडीसीए समान योग्यता नहीं है। दोनों अलग है।
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सभी याचिकायें निर्णय के लिए एकल न्यायपीठ को संदर्भित कर दी गयी है। याची इंजीनियरिंग डिग्री धारकों का कहना था कि वे बेहतर योग्यता रखते है, इसलिए जूनियर इंजीनियर भर्ती में उन्हें शामिल किया जाय। सरकार द्वारा अनुमति न देने पर चुनौती दी गयी है। उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिवक्ता के. एस. कुशवाहा का कहना था कि याचीगण निर्धारित योग्यता नहीं रखते। इस पद के लिए इंजीनियरिंग डिप्लोमा ही अर्हता तय की गयी है।