इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- बिना किसी ठोस वजह से शस्त्र जमा न कराएं जाएं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और जिले के एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है कि बिना किसी ठोस वजह से शस्त्र जमा न कराएं। यदि लाइसेंसी के विरुद्ध आपराधिक केस दर्ज है तो लिखित कारण बताते हुए ही शस्त्र जमा कराए जाएं।

Update: 2017-01-28 16:33 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और जिले के एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है कि बिना किसी ठोस वजह से शस्त्र जमा न कराएं। यदि लाइसेंसी के विरुद्ध आपराधिक केस दर्ज है तो लिखित कारण बताते हुए ही शस्त्र जमा कराए जाएं। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने जौनपुर, मछलीशहर के अनीस अहमद की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

साल 2014 में हाई कोर्ट के हरिहर सिंह केस में डीजीपी को इस आशय का सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया था। जिस पर सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को निर्देश जारी किए गए थे।

याची का कहना है कि वह शांतिप्रिय नागरिक है। उसके खिलाफ देश में कोई भी आपराधिक केस दर्ज नहीं है। बिना लिखित आदेश के उसे शस्त्र जमा करने को बाध्य किया जा रहा है। ऐसा करना कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। याचिका पर वकील एम ए मिश्र और निर्वाचन आयोग की तरफ से वकील बी एन सिंह ने बहस की।

बता दें कि जिले के अधिकारी विधानसभा चुनाव-2017 के कारण शस्त्र जबरन जमा करा रहे हैं। कोर्ट के इस आदेश से बिना कारण किसी के शस्त्र जमा नही कराए जा सकेंगे।

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