मोदी विरोध की विक्टिम या डिफॉल्टर? देखें ऋचा की एडमिशन की जांच रिपोर्ट

Update: 2016-03-05 11:14 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्र संघ अध्यक्ष ऋचा सिंह का पद और एडमिशन दोनों खतरे में है। इस बीच उन्होंने वाइस चांसलर प्रो. रतन लाल हांगलू और एबीवीपी पर गंभीर अरोप लगाए हैं। ऋचा का दावा है कि मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। वहीं, जांच में यह बात सामने आई है कि ऋचा सिंह के एडमिशन में नियमों की अनदेखी की गई है।

आखिर क्या है पूरा मामला

-ऋचा सिंह ग्लोबलाइजेशन एंड डेवलपमेंट स्टडी की रिसर्च स्कॉलर हैं और उनपर एडमिशन में फर्जीवाड़े का आरोप है।

-आर्ट फैकल्टी डीन प्रोफेसर सत्यनारायण को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया।

-जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 मार्च 2014 को इंटव्यू बोर्ड के सामने चार कैंडिडेट एपियर हुए।

-इनमें से शशांक कुमार सिंह और ऋचा सिंह को सलेक्ट किया गया। दोनों जनरल कैटेगरी से थे।

-ऋचा सिंह को रोस्टर के जरिए प्रवेश मिला। जबकि रोस्टर आरक्षण प्रक्रिया प्रवेश में नहीं अपनाई जाती। नौकरी या प्रमोशन में ही इसका इस्तेमाल किया जाता है।

ऋचा सिंह एडमिशन की जांच रिपोर्ट

क्या कहते हैं शिकायतकर्ता

-शिकायतकर्ता रजनीश सिंह के मुताबिक ऋचा सिंह ने एचओडी और समाजवादी पार्टी की मदद से नियमों की अनदेखी कर एडिमशन लिया था।

-उस कोटे पर किसी ओबीसी का प्रवेश होना था। उन्होंने इसकी शिकायत वाइस चांसलर से की थी।

-रजनीश सिंह का कहना है कि ऋचा सिंह मामले को तूल देने के लिए इसे साजिश करार दे रही हैं।

-वो कुलपति से मांग करेंगे कि एडिमशन निरस्त करके ऋचा सिंह और उनके इस काम में एचओडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जाए।

ऋचा का दावा

-ऋचा सिंह ने कहा-जब से मैं छात्र संघ अध्यक्ष बनी तभी से एबीवीपी के लोग मुझे हटाने के लिए साजिश कर रहे हैं।

-अब मेरे एडमिशन पर सवाल खड़ा करके दबाव बनाया जा रहा है। वीसी भी भगवाकरण की राजनीति में काम कर रहे हैं।

-मैंने कोई बात नहीं छुपाई और पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए ही एडमिशन लिया।

जिस तरह मुझे परेशान किया जा रहा है मैं रोहित वेमुला और कन्हैया के दर्द को बखूबी समझ सकती हूं।।

'नहीं होने दूंगी भगवाकरण'

ऋचा सिंह ने कहा-अभी तक वीसी ने मुझसे कोई बात नहीं की, लेकिन अगर इसी तरह चलता रहा तो एक बड़ा आंदोलन खड़ा होगा और वो ठीक उसी तरह होगा जैसा हैदराबाद और जेएनयू में हुआ।

-मैं किसी कीमत पर यूनिवर्सिटी का भगवाकरण नहीं होने दूंगी।

वीसी शहर से बाहर

आगे की कार्यवाही वीसी प्रो. रतन लाल हांगलू के आने के बाद ही होगी। अभी वह शहर से बाहर हैं।

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