अमर ने गढ़ी राष्ट्रवाद-धर्मवाद की नई परिभाषा, कहा- लोकशाही के चीरहरण के समय मैं भी पार्टी में शामिल था

Update: 2017-03-01 14:01 GMT

गोरखपुर: समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद अमर सिंह बुधवार (1 मार्च) को 'आतंकवाद, राष्ट्रवाद के समक्ष चुनौती' कार्यक़म में शिरकत करने गोरखपुर पहुंचे। हालांकि अमर सिंह इस संगोष्ठी में राष्ट्रवाद और धर्मवाद की नई परिभाषा गढ़ते दिखे। इस दौरान यूपी के सीएम अखिलेश यादव उनके निशाने पर रहे।

आतंकवाद और धर्मवाद संगोष्ठी विषय को अमर सिंह ने राजनीति से परिभाषित किया। उन्होंने कहा, कि मैं आज किसी का समर्थन या विरोध करने नहीं आया हूं। अखिलेश यादव को मुझे दूसरी बार पार्टी से निष्कासित करने के लिए धन्यवाद् देता हूं।'

अखिलेश पर कटाक्ष

संगोष्ठी में अमर बोले, 'आतंकवाद विचार का, धर्म का और स्वार्थ का है। जो स्वार्थ की राजनीति करता है वो सबसे बड़ा आतंकवादी है।' उनका इशारा अखिलेश यादव की ओर था। उन्होंने कहा, इसके लिए मैं अपने आप को भी दोषी मानता हूं। क्योंकि मैं भी उस समय पार्टी में शामिल था। प्रजातंत्र में लोकशाही का चीरहरण चल रहा था, तो मैं भी पार्टी में शामिल था।

मुलायम सिंह जीवन भर मेरे मित्र रहेंगे

अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए अमर सिंह ने कहा, अखिलेश जी ये देश श्रवण कुमार का और राम का है। ये माता-पिता के कहने पर वनवास चले गए। उन्हें वनवास पर नहीं भेजते।' हालांकि अमर ने आगे कहा मुलायम सिंह जीवन भर मेरे मित्र रहेंगे।

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...फिर मायावती क्यों राखी बांधती थीं?

संगोष्ठी में अपने विचार रखते हुए अमर सिंह बोले, 'राज ठाकरे मुंबई में यूपी के लोगों को मारते-पीटते हैं। जो सह रहे हैं वो सहिष्णुता का आतंकवाद है। गुजरात में हुए नरसंहार के लिए कुछ राजनीतिक दल मोदी को दोषी बताते रहे खासकर मायावती। माया कहती हैं मैं बीजेपी की घोर विरोधी हूं। लेकिन कोई ये कैसे भूल सकता है कि ये वही बहनजी हैं जो लालजी टंडन को राखी बांधती थीं।'

लालू ने छुआ तो नीतीश सेक्युलर हो गए

धीरे-धीरे ये संगोष्ठी राजनीतिक रंग लेने लगा। अमर सिंह भी इसका कोई मौका नहीं छोड़ते दिखे। उन्होंने नीतीश और लालू के गठबंधन पर कहा, कि 'लालू ने नीतीश को छू दिया, तो वो सेक्युलर हो गए। ये विचार का आतंकवाद है।' गुजरात में जाकर बहन जी ने बोला था कि मुस्लिम कट्टर होते हैं, मैं इसका विरोध करती हूं। ये विचार का आतंकवाद है।

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सभी तो रहे बीजेपी के साथ

रामविलास पासवान का उदाहरण देते हुए अमर बोले, 'पासवान ने गुजरात दंगे के बाद अटल सरकार से इस्तीफा दे दिया था, बाद में हर-हर मोदी, घर-घर मोदी करने लगे। माया, ममता, नीतीश समय-समय पर बीजेपी सरकार के साथ रहे। ये लोग अब कहां से धर्मनिरपेक्ष हैं, अब तो सभी बीजेपी के ही साथ हैं।'

यूपी में राहुल को अपना हश्र पता है

वहीं राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अमर सिंह ने कहा, 'गुजरात में इन्होंने कहा था कि मोदी खून के सौदागर हैं अब यूपी में चूहा कहा। इसके बाद गुजरात में कांग्रेस का क्या हश्र हुआ और अब यूपी में क्या हश्र होगा, ये राहुल जानते हैं। सत्ता की राजनीति इंसान को गद्दार बना देती है।'

आजम तो खुद रावण है

अमर सिंह ने आगे कहा, अबु आज़मी का बेटा दाऊद का रिश्तेदार है। वो मुझे मुक़दमे की चुनौती देता है। मैं मुक़दमे से नहीं डरता। अपने चिर प्रतिद्वंद्वी आजम खान पर अमर ने कहा, 'वो दूसरों को रावण कहता है। आज़म खान वो रावण है जो दूसरी की औरतों पर बुरी नज़र रखता है। सहारनपुर में आप कहा जाते हैं मैं बताना नहीं चाहता।'

संगोष्ठी के अंत में अमर सिंह ने कहा, अब राष्ट्रवाद और धर्मवाद की लड़ाई मैं अकेले लड़ूंगा। इसके लिए मैं तैयार हूं।

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