Ambedkar Nagar News: राजभर बोले, रामचरित मानस पर नेताओ की विवादित टिप्पड़ी केवल पब्लिसिटी स्टंट

Ambedkar Nagar News: ओम प्रकाश राजभर ने कहा राम का नाम लेकर मंत्री बने और बेटी को सांसद बनाया अब 10 महीने से जब कोई नाम लेने वाला नही है तो चर्चा में बने रहने के लिए ऐसा बयान दे रहे है।

Report :  Anant kushwaha
Update: 2023-01-27 15:46 GMT

Ambedkar Nagar News (Newstrack)

Ambedkar Nagar News: अम्बेडकरनगर में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने राम और रामचरित मानस पर नेताओ की विवादित टिप्पणियों को पब्लिसिटी और चर्चा बने रहने वाला बयान बताया और बिना नाम लिए कहा राम का नाम लेकर मंत्री बने और बेटी को सांसद बनाया अब 10 महीने से जब कोई नाम लेने वाला नही है तो चर्चा में बने रहने के लिए ऐसा बयान दे रहे है। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जिले के बरधा भियुरा गांव में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। जहाँ मीडिया के सवालों के जबाब अपने ही अंदाज में दिया।

पब्लिसिटी पाने के लिए दे रहे अनर्गल बयान   

राम और रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों पर नेताओ द्वारा दिये जा रहे बयानों पर उन्होंने कहा कि ये बयान पर कहा कि जब तक ये सत्ता में रहते है तब तक मुँह पर ताला लगा रहता है,, ये जो अभी यूपी के नेता का बयान आया है,,,ये 4 बार बसपा में रहे ,,,उसे जाता देख राम की शरण में आ गए और जिस चौपाई और ग्रंथ पर चर्चा कर रहे है उसी पर माला फूल चढ़ा कर खुद मंत्री और बेटी को सांसद बना दिया। उन्होंने कहा, 5 साल मंत्री रहे बेटी सांसद रही लेकिन तब कोई अपमान नही दिखा, फिर अगले जुगाड़ में लग गये लेकिन जुगाड़ नही बना और पिछले दस महीने से कोई नाम लेने वाला नही था तो ये चर्चा में बने रहने के लिए पब्लिसिटी पाने के लिए अनर्गल बयान दे रहे है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष और मंत्री संजय निषाद के बयान पर कहा कि अब इस पर सरकार को सोचना चाहिए उनके मंत्री ऐसा क्यों कह रहे है। वहीँ बागेश्वर धाम के बाबा के चर्चा में होने के सवाल पर कहा कि पहले भी बहुत से बाबा चर्चा में रहे है।

शोषितों को नही मिल रहा हक़

विपक्षी एकता पर भी उन्होंने बेबाकी से बोलते हुए कहा कि जो नेता दम भर रहे है कि वंचितों को पिछडो को उनके हक से वंचित किया जा रहा है, शोषितों को हक़ नही मिल रहा है, फिर ये अलग अलग क्यो लड़ रहे है। जब सबकी मंजिल एक है। सब ये चाह रहे है कि जिसका हक मारा जा रहा वह उसे दिया जाय तो अलग अलग क्यो लड़ रहे है, इसका साफ मतलब है कि ये सत्ता के लिए लड़ रहे है।

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