New Bio Energy Policy 2022: नई जैव ऊर्जा नीति 2022 को मंजूरी, योगी सरकार देगी 20 करोड़ तक अनुदान

New Bio Energy Policy 2022: इस नीति के अन्तर्गत अब तक 14 जैव ऊर्जा इकाइयों को स्वीकृति पत्र निर्गत किये गये जिनमें से 03 इकाइयों पूर्ण हो चुकी हैं।

Newstrack :  Network
Update:2022-09-28 11:59 IST

Approval for new bio energy policy 2022 Yogi government give grant 20 crores (Social Media)

New Bio Energy Policy 2022: उत्तर प्रदेश में जैव ऊर्जा उद्यमों को बढ़ावा देने के उदेश्य से जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन कार्यक्रम 2018 लागू किया गया था। इसमें प्रदेश में स्थापित होने वाले जैव ऊर्जा उद्यमों को भूमि क्रय पर स्टॉम्प ड्यूटी की शत प्रतिशत छूट उत्पादन प्रारम्भ की तिथि से दस वर्षो तक एस0जी0एस0टी0 की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति तथा इकाई लागत के अनुसार, रू.10 करोड़ तक की इकाई लागत पर 25 प्रतिशत, रू.10 करोड़ से 100 करोड़ तक की इकाई लागत पर 20 प्रतिशत तथा रू. 100 करोड़ से अधिक इकाई लागत पर 15 प्रतिशत (अधिकतम प्रति इकाई रू. 150 करोड़) पूँजीगत उत्पादान दिया जा रहा था। इस नीति के अन्तर्गत अब तक 14 जैव ऊर्जा इकाइयों को स्वीकृति पत्र निर्गत किये गये जिनमें से 03 इकाइयों पूर्ण हो चुकी हैं।

कृषि अपशिष्टों को खेतों में ही जला दिये जाने की समस्या के समाधान हेतु प्रदेश सरकार कृत संकल्प है। प्रदेश में कृषि अपशिष्ट, कृषि उपज मण्डियों का अपशिष्ट, पशुधन अपशिष्ट, चीनी मिलों का अपशिष्ट, नगरीय अपशिष्ट सहित अन्य जैविक अपशिष्ट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इन अपशिष्टों की समस्या के निराकरण हेतु और प्रदेश में जैव ऊर्जा उद्यमों की स्थापना की सम्भावनाओं को फलीभूत करने के लिए पूर्ववर्ती नीतियों की कमियों को दूर करते हुये वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 सरकार लागू कर रही है। नई नीति के अन्तर्गत स्थापित होने वाले सयंत्रों से निम्नानुसार लाभ होगा।

  • किसानों की आय में वृद्धि।
  • वायु प्रदूषण में कमी।
  • रोजगार का सृजन ।

उत्तर प्रदेश में रू0 5500 करोड़ का निवेश

नई नीति की अवधि पाँच वर्ष होगी। इस अवधि में प्रदेश में स्थापित होने वाली जैव ऊर्जा परियोजनाओं, (कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायोकोल, बायोइथानॉल तथा बायोडीजल) को भारत सरकार की नीति / योजना के अतिरिक्त उत्पादन पर इन्सेन्टिव दिया जायेगा। जैव ऊर्जा उद्यमों/संयंत्रों की स्थापना तथा फीडस्टॉक के संग्रहण एवं भण्डारण हेतु अधिकतम 30 वर्षों की लीज अवधि हेतु भूमि एक रूपये प्रति एकड़ वार्षिक के टोकन लीज़ रेन्ट पर उपलब्ध कराई जायेगी।

इसके अन्तर्गत कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन पर रू० 75 लाख प्रति टन की दर से अधिकतम 20 करोड़ तक, बायोकोल उत्पादन पर रू० 75000/- प्रति टन की दर से अधिकतम रू० 20 करोड़ तक, बायो डीजल के उत्पादन पर रू0 3 लाख प्रति किलोलीटर की दर से अधिकतम 20 करोड़ उत्पादान दिया जायेगा।

उत्पादान के अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति, विदयुत कर शुल्क में दस वर्षों तक शत-प्रतिशत छूट, बायोमास आपूर्ति की निश्चितता हेतु, एफपीओ/एग्रीगेटर के माध्यम से दीर्घकालीन बायोमास आपूर्ति अनुबंध तथा क्षेत्र सम्बधिकरण की व्यवस्था, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग/यूपीनेडा के माध्यम से उपलब्धतानुसार ग्राम समाज / राजस्व: भूमि तथा चीनी मिल परिसरों में उपलब्ध रिक्त भूमियों का जैव ऊर्जा उद्यम स्थापना तथा बायोमास भंडारण हेतु आबंटन, जैव ऊर्जा उद्यमों के सह-उत्पाद, बायोमैन्यूर के विक्रय की व्यवस्था तथा जैव ऊर्जा इकाई के कैचमेण्ट एरिया / तहसील में बायोमास के संग्रहण, परिवहन तथा भण्डारण में प्रयुक्त कृषि मशीनरी पर पूंजीगत उपादान की सुविधा दी जायेगी।

अपशिष्ट आपूर्ति श्रृंखला का विकास करते हुऐ प्रत्येक तहसील में एक बायोप्लांट की स्थापना कराई जायेगी। नई नीति के क्रियान्वयन से खेतों में ही पराली जला दिये जाने की समस्या का समाधान होगा। जैविक अपशिष्ट का निस्तारण वैज्ञानिक विधि से हो सकेगा। पर्यावरण अनुकूल जैव ऊर्जा के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। बायोमैन्यूर की उपलब्धता तथा प्रयोग से खेतों की उर्वरता बढ़ेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश तथा रोजगार सृजित होगा। आयातित कच्चे तेल तथा पेट्रोलियम गैस पर निर्भरता कम होगी तथा विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

इस नीति के अन्तर्गत सीबीजी, बायोकोल व बायो एथेनॉल / बायो डीजल उत्पादन संयंत्रों की स्थापना पर राज्य सरकार के बजट से संभावित वित्तीय व्यय भार का विवरण निम्नवत् है।

  • कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांटस।
  • नीति की कालावधि में लक्षित क्षमता - 1000 टन सीबीजी प्रतिदिन वित्तीय उपाशय - रू0 750 करोड़।
  • बायोकोल प्लांटस।
  • नीति के कालावधि में लक्षित क्षमता 4000 टन बायोकोल प्रतिदिन वित्तीय उपाशय रू0 30 करोड़
  • बायो एथनॉल एवं बायो डीजल प्लांटस।
  • नीति के कालावधि लक्षित क्षमता 2000 किलोलीटर प्रतिदिन ।
  • वित्तीय उपाशय रू0 60 करोड़।
  • बायोमास के संग्रहण हेतु रेकर, बेलर, ट्रालर पर अतिरिक्त अनुदान फार्म मशीनरी एक्यूपमेंट यूनिट की संख्या - 500 वित्तीय उपाशय रू0 100 करोड़।
  • 50 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं हेतु एप्रोच रोड का निर्माण वित्तीय उपाशय (200 किमी0) रू0 100 करोड।
Tags:    

Similar News