Meerut News: अतीक अहमद का मेरठ कनेक्शन, बसपा राज में कमाए करोड़ों रुपये
Meerut News: अतीक ने आवास विकास की अधिगृहित 70 एकड़ जमीन को अर्जन मुक्त करा कर बहुजन समाज पार्टी से जुड़े स्थानीय बिल्डरों को मनमाने दामों पर बेच कर करोड़ों रुपये कमाये थे।
Meerut News: पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में निर्मम हत्या के आरोपों से घिरे माफिया अतीक अहमद का बसपा राज में जमीनों में निवेश का मामला खुलकर सामने आया है। अतीक ने आवास विकास की अधिगृहित 70 एकड़ जमीन को अर्जन मुक्त करा कर बहुजन समाज पार्टी से जुड़े स्थानीय बिल्डरों को मनमाने दामों पर बेच कर करोड़ों रुपये कमाये थे। मेरठ में फूलबिहार, कीर्ति पैलेस, काजीपुर, सराय काजी व मेडिकल कॉलेज के सामने जमीनों से अतीक ने गुर्गों के जरिये प्लॉटिंग कर करोड़ों रुपये कमाए गए। बता दें कि माफिया अतीक अहमद की बहन का घर मेरठ की फूलबाग कॉलोनी में है।
2011 में इलाहाबाद हाइकोर्ट में दाखिल याचिका में अतीक के जमीनों में निवेश का जिक्र है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में इस बात का जिक्र किया गया है कि जागृति विहार योजना संख्या 11 के लिये 1130031 एकड़ जमीन अधिगृहित की गई थी। इसकी अनुमानित लागत 41313.22 लाख रखी गई थी। आवास विकास की 20 जनवरी 2007 को हुई 182वीं बैठक में इस योजना को अमली जामा पहनाने पर स्वीकृति लगी थी। इस बाबत समाचारपत्रों में विज्ञापन भी प्रकाशित किया गया था। आपत्तियों पर सुनवाई 8 और 9 जनवरी 2003 में की गई थी।
नियोजन समिति की संस्तुतियां पर दोबारा विचार किया गया। इसमें कहा गया कि नियोजन समिति के प्रस्तावों पर विश्लेषण समिति की दिनांक 11 अगस्त 2003 और 4 सितंबर 2003 को फिर बैठक हुई। इस बैठक में कहा गया कि ऐसी भूमि जिनके मानचित्र मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत नहीं किये गए उनको अधिगृहण में शामिल करते हुए 70 एकड़ भूमि ले ली जाए। याचिका में यह भी कहा गया कि अतीक अहमद सांसद के संलग्न पत्र जो मुख्यमंत्री मायावती को संबोधित था, उसमें उल्लखित 70 एकड़ जमीन को छोड़ने का अनुरोध किया गया है।
अतीक अहमद ने मुख्यमंत्री मायावती को लिखा था पत्र
सूत्रों के अनुसार अतीक अहमद ने सांसद रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती को लिखा था। मायावती को लिखे अपने इस पत्र में अतीक ने मुख्यमंत्री पत्र में 70 एकड़ जमीन का जिक्र करते हुआ लिखा था कि जमीन पर छोटे किसानों ने अपने भवन बना लिए हैं। लिहाजा इसे योजना में छोड़ दिया जाए। अतीक ने अपने पत्र में यह भी लिखा था कि इन किसानों ने एमडीए सेरेजीडेंशियल कॉलोनी बनाने के लिए नक्शे भी जमा किए हैं। लेकिन, एमडीए ने अभी तक इनके नक्शों को पास नहीं किया है। इसके बाद शासन की तरफ से प्रमुख सचिव ने आदेश जारी किया था। इसके बाद अतीक के गुर्गों गु के जरिए इसकी प्लाटिंग का मामला सामने आया है। मेरठ जागृति विहार योजना संख्या 11 के लिए बड़े पैमाने पर जमीन अधिगृहित की गई थी। आवास विकास की 20 जनवरी 2007 को हुई बैठक में इस योजना को अमली जामा पहनाया गया था। तब अखबारों में इसके विज्ञापन भी छापे गए। इस दौरान अतीक अहमद ने आवास विकास की अधिग्रहित 70 एकड़ जमीन को बसपा से जुड़े स्थानीय बिल्डरों को मनमाने दामों पर बेचा था।