Bijli Nijikaran Virodh: महाकुम्भ में श्रेष्ठतम प्रदर्शन के बावजूद निजीकरण की प्रक्रिया से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा
Bijli Nijikaran Virodh: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने दावा किया है कि बिजली वितरण निगमों के काम में लगातार सुधार हो रहा है।;
Bijli Nijikaran Virodh (Image Social Media)
Bijli Nijikaran Virodh: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने कहा है कि बिजली वितरण निगमों के काम में लगातार सुधार हो रहा है और महाकुंभ में बिजली कर्मियों ने श्रेष्ठतम प्रदर्शन कर पूरे देश को चकित कर दिया है । इसके बावजूद बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तेज गति से बढ़ाई जा रही है जिससे बिजली कर्मों में भारी गुस्सा व्यक्त है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी की गई विद्युत वितरण कंपनियों की रेटिंग की रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में लगातार सुधार हो रहा है। उत्तर प्रदेश में आरडीएसएस स्कीम के अंतर्गत विद्युत वितरण निगमों का नेटवर्क सुधारने के लिए हजारों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं । इससे हो रहे सुधार और बिजली कर्मियों के परिश्रम का परिणाम है कि विद्युत वितरण निगम लगातार सुधार की ओर बढ़ रहे हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने वर्ष 2023 - 24 में प्रति यूनिट बिजली विक्रय कर रु 04.47 प्रति यूनिट राजस्व वसूली की है जो आगरा शहर में टोरेंट पॉवर कंपनी से मिलने वाले राजस्व रु0 4.36 प्रति यूनिट से अधिक है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि आगरा एक औद्योगिक शहर है । आगरा में एशिया का सबसे बड़ा चमड़ा उद्योग है और आगरा में सबसे अधिक पांच सितारा होटल है। दूसरी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत बुंदेलखंड और चंबल का क्षेत्र आता है और अनेक गांव आते हैं। इन स्थानों पर बिजली का राजस्व बहुत कम है। इसके बावजूद दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से टोरेंट पावर कंपनी की तुलना में प्रति यूनिट अधिक राजस्व मिल रहा है।
संघर्ष समिति ने कहा कि महाकुंभ में बिना सोए दिन रात बिजली कर्मी परिश्रम कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने प्रयागराज के बिजली कर्मचारियों को विगत 5 जनवरी को हुई बिजली महापंचायत में शपथ दिलाई थी कि वे महाकुंभ में श्रेष्ठतम प्रदर्शन करेंगे। महाकुंभ में कार्यरत बिजली कर्मियों ने इसे सिद्ध कर दिया है और महाकुंभ की बिजली व्यवस्था ने सारे देश को चकित कर दिया है।
संघर्ष समिति ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लगातार सुधार में लगे हैं । बिजली कर्मचारियों के प्रयासों को अनदेखा कर जिस प्रकार निजीकरण की प्रक्रिया तेज की जा रही है उससे बिजली कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
आज लगातार 87वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रान्त भर में जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध सभा की।