Ayodhya : भाजपा विधायक खब्बू तिवारी की हालत बिगड़ी, फिलहाल जेल में ही इलाज
Ayodhya : अयोध्या की गोसाईंगंज सीट से बीजेपी विधायक इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी को फर्जी मार्कशीट के मामले में गत माह 5 साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
Ayodhya : जेल में बंद भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू की तबियत गुरुवार की रात अचानक खराब हो गई। विधायक को सांस लेने में परेशानी और डायरिया की शिकायत होने के बाद पहले जेल के डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया लेकिन हालत न सुधरने बल्कि और बिगड़ने पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक के अनुरोध पर जिला अस्पताल से डॉक्टरों की टीम बुलाई गई जिसके बाद जेल में ही विधायक का उपचार शुरू कर दिया गया है।
सांस लेने में अधिक परेशानी के कारण विधायक के लिए आनन-फानन में ऑक्सीजन का इंतजाम कराया गया है। जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्र ने बताया कि फिलहाल विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू की हालत स्थिर है। उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों से भी परामर्श लिया जा रहा है और बेहतर इलाज मुहैया करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
फर्जी मार्कशीट के मामले में 5 साल कैद की सजा
गौरतलब है कि अयोध्या की गोसाईंगंज सीट से बीजेपी विधायक इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी को फर्जी मार्कशीट के मामले में गत माह 5 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। यह सजा एमपी-एमएलए कोर्ट की स्पेशल जज पूजा सिंह ने सुनाई थी।
खब्बू तिवारी पर आरोप था कि इंद्र प्रताप तिवारी सेकंड ईयर में फेल हो गए थे, लेकिन 1990 में उन्होंने फर्जी मार्कशीट के जरिए अगली क्लास में एडमिशन ले लिया था। इस मामले में 13 साल बाद चार्जशीट दाखिल हुई थी।
फैसला आने के बाद यह कहा गया था कि यह खब्बू तिवारी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बड़ा झटका है। हालांकि खब्बू तिवारी की मुसीबत यहीं नहीं थमी गत माह ही उनको गाड़ी चोरी के मामले में जौनपुर कोर्ट में तलब किया गया।
इस मामले में वादी 28 मार्च 2019 को मोहम्मद जुनेद ने एसीजेएम तृतीय की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि उसकी जीप 14 मार्च 1997 को लूट ली गई थी। इसका मुकदमा सिंगरामऊ थाने में दर्ज कराया था। तीन जून 1997 को सोनभद्र के पिपरी थाने में हत्या के मुकदमे के अभियुक्त इंद्र प्रताप तिवारी को गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से लूटी गई जीप बरामद हुई। मामले में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई, लेकिन आरोपी ने न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय के कार्यालय से पत्रावली ही गायब करा दी।
इस संबंध में लाइन बाजार थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने 5 फरवरी 2019 को पत्रावली दो सप्ताह के भीतर पुनर्गठित करने तथा छह माह में निस्तारण करने का आदेश पारित किया। इस मामले में पत्रावली पुनर्गठित कर तिवारी को तलब किया गया था।