Kalyan Singh Death: पूर्व सीएम कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे अखिलेश, भाजपा ने साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि 'अखिलेश यादव जी अपने आवास से मात्र एक किलोमीटर दूर माल एवेन्यू में स्व कल्याण सिंह जी ‘बाबूजी’ को श्रद्धांजलि देने नहीं आ सके।
Kalyan Singh Death: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह का लखनऊ के पीजीआई में लम्बे समय तक इलाज चलने के बाद शनिवार शाम को निधन हो गया। उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। देश और प्रदेश के दिग्गज नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी और अंतिम दर्शन किए। लेकिन इस मौके पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं पहुंचे इस पर उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहस छिड़ी हुई है। भारतीय जनता पार्टी अब इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी पर हमलावर हो गई है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह के निधन पर उनके अंतिम दर्शन के लिए लखनऊ, अलीगढ़ और फिर बुलंदशहर में जन सैलाब उमड़ पड़ा, बसपा की अध्यक्ष मायावती भी पहुंचीं, लेकिन समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं पहुंचे। इसको लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने अखिलेश यादव को निशाने पर लिया है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने किया ट्वीट
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि 'अखिलेश यादव जी अपने आवास से मात्र एक किलोमीटर दूर माल एवेन्यू में स्व कल्याण सिंह जी 'बाबूजी' को श्रद्धांजलि देने नहीं आ सके। कहीं मुस्लिम वोट बैंक के मोह ने उन्हें पिछड़ों के सबसे बड़े नेता को श्रद्धांजलि देने से तो नहीं रोक लिया?'
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर बोला हमला
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि 'अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह को अंतिम विदा देने के लिए नहीं आकर पिछड़े वर्ग की बात करने का नैतिक अधिकार आपने खो दिया। आपकी ओर से पिछड़े वर्ग की बात करना केवल ढोंग है।'
भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने याद दिलाये पुराने दिन
भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि 'बाबूजी के निधन के बाद तीन दिन तक उनके अंतिम दर्शन चले, लेकिन अखिलेश यादव कहीं दिखाई नहीं दिए। वह पिछड़ों की राजनीति करते हैं और पिछड़ों का सबसे बड़ा नेता चला गया। इनके बाप की कई बार उन्होंने लाज बचाई। सपा का कई बार सहयोग भी किया।
सरकार में भी सहभागिता रखी। पिछड़ों के सबसे बड़े नेता 'बाबूजी' की अंतिम यात्रा में न जाकर, पिछड़ों की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव ने तुष्टीकरण के आधार पर नैतिकता को इस तरह तार-तार किया जो बहुत निंदनीय और चिंता का विषय है।'
जब भाजपा का साथ छोड़ मुलायम सिंह से कल्याण सिंह ने मिलाया था हाथ
2007 का उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव भाजपा ने कल्याण सिंह के नेतृत्व में लड़ा। कहने को भाजपा ने 2007 में कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तो बना दिया लेकिन नाम का, जिसके पास ना तो उमीदवार तय करने की पॉवर थी और ना ही उनके पास प्रदेश का चुनाव प्रबंधन था। इसलिए वो चुनाव में कुछ अच्छा नहीं कर सके। इसके बाद 2009 में फिर से अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मतभेदों के कारण कल्याण सिंह ने भाजपा का दामन छोड़ कर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से नजदीकियां बढ़ा लीं।
2009 के लोकसभा चुनावों में एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से मुलायम के सहयोगी से कल्याण सिंह निर्दलीय सांसद चुने गये। फिर 2009 लोकसभा चुनाव खत्म होते ही मुलायम सिंह ने कल्याण से नाता तोड़ लिया। कल्याण सिंह की वजह से मुस्लिम समुदाय के लोग उनसे नाता तोड़ रहे थे।
भाजपा कल्याण सिंह की मृत्यु पर भी राजनीति कर रही है- राजेन्द्र चौधरी
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि भाजपा कल्याण सिंह की मृत्यु पर भी राजनीति कर रही है। मृत्यु पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, राजनीति के लिए बहुत सारे मुद्दे होते हैं। जहां तक अखिलेश यादव के न पहुंचने का प्रश्न है तो वह उस दिन लखनऊ से बाहर थे। विधान भवन में जब कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर आया था तब पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने श्रद्धांजलि अर्पित की थी। साथ ही कल्याण सिंह के निधन पर तत्काल अखिलेश जी ने भी शोक संदेश जारी किया था।