Lucknow News: गन्ना किसानों को बड़ी राहत, 50 साल में पहली बार किसी सरकार ने किया भुगतान, 85 लाख से अधिक को मिला फायदा

Lucknow News: प्रदेश सरकार ने गन्‍ना किसानों को समय पर भुगतान कर उनको बड़ी राहत दी हैं

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-09-12 12:14 GMT

प्रदेश सरकार ने गन्‍ना किसानों को समय पर भुगतान कर उनको बड़ी राहत दी हैं (social media)

Lucknow News: कोरोना काल में चीनी मिलों के संचालन के साथ प्रदेश सरकार ने गन्‍ना किसानों को समय पर भुगतान कर उनको बड़ी राहत दी हैं। प्रदेश सरकार के मुताबिक पेराई सत्र 2020-21 में किसानों को 27465 करोड़ रूपए गन्‍ना मूल्‍य का भुगतान किया जा चुका है। इससे 85 लाख से अधिक किसान लाभांवित हुए हैं। सरकार के मुताबिक, किसानों को कुल लक्ष्‍य का 83 प्रतिशत से अधिक भुगतान किया जा चुका है। वहीं, चार सालों में प्रदेश सरकार 1,42,650 करोड़ रूपए का रिकार्ड भुगतान कर चुकी है। 

120 चीनीं मिलें संचालित की गई

पेराई सत्र 2020-21 में 120 चीनीं मिलें संचालित की गई। जहां 1028 लाख टन गन्‍ने की खरीद हुई। पेराई सत्र 2020-21 में गन्ना फसल की कुल कीमत 33,025 करोड़ रूपए आंकी गई । सरकार की ओर से गन्‍ना किसानों को अब तक 27,465 करोड़ रूपए का बकाया भुगतान किया जा चुका है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शेष भुगतान भी जल्‍दी कराए जाने के निर्देश दिए हैं।  

शेष गन्‍ना किसानों के भुगतान की प्रक्रिया

प्रदेश सरकार के मुताबिक शेष गन्‍ना किसानों के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। गन्‍ना विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश की 53 चीनी मिलों ने पेराई सत्र 2020-21 का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया है, जबकि 67 चीनी मिलों को आंशिक गन्‍ना मूल्‍य का भुगतान करना रह गया है। चीनी मिलें अन्य सह उत्पादों की बिक्री से प्राप्त धनराशि से गन्ना मूल्य का भुगतान कर रहीं हैं।

गन्‍ना उत्‍पादों ने अहम भूमिका निभाई

50 सालों में गन्‍ना किसानों का हुआ रिकार्ड भुगतान अपर मुख्‍य सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि 50 सालों में किसी भी सरकार ने इतना अधिक व तेज भुगतान गन्‍ना किसानों को नहीं किया है। जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्‍होंने कहा कि चीनी की संस्‍थागत खरीद में गिरावट के बाद गन्‍ना किसानों को समय पर भुगतान किसी रिकार्ड से कम नहीं है। हालांकि किसानों को समय पर भुगतान में अन्‍य गन्‍ना उत्‍पादों ने अहम भूमिका निभाई है। इसमें गुड़, खोई, गन्‍ना रस से बनने वाला एथनॉल जो सेनीटाइजर उत्‍पादन में इस्‍तेमाल होता है। इनकी बिक्री ने गन्‍ना किसानों को समय पर भुगतान करने में काफी सहयोग किया है। कोरोना काल के दौरान गन्‍ना विभाग द्वारा बनाए सेनीटाइजर की प्रदेश व देश में काफी बड़े पैमाने पर बिक्री हुई है।

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