UP Election 2022: यूपी के रण में कानून व्यवस्था बड़ा मुद्दा, जानिए बसपा, सपा और भाजपा सरकार में Law and Order का रहा क्या हाल
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था हमेशा से एक बड़ा विषय रहा है। यूपी में कानून व्यवस्था एक बार फिर यहां के चुनावों में एक बड़े मुद्दे की शक्ल अख्तियार करते हुए नजर आ रहा है। सपा, बसपा और भाजपा तीनों अपने शासनकाल को लॉ एंड ऑर्डर के मामले में दूसरों से बेहतर बता रहे हैं।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था (law and order in Uttar Pradesh) हमेशा से एक बड़ा विषय रहा है। 2007 में मुलायम सिंह यादव सरकार (Mulayam Singh Yadav Government) की हार के पीछे खराब लॉ एंड ऑर्डर (Law and Order ) को ही जिम्मेवार माना गया। 2017 के विधानसभा चुनाव (2017 Assembly Election) में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की करारी की वजह भी प्रदेश की कानून व्यवस्था को ही माना गया। यूपी में एक बार फिर चुनावी मौसम आ चुका है। ऐसे में कानून व्यवस्था (Law And Order) एक बार फिर यहां के चुनावों में एक बड़े मुद्दे की शक्ल अख्तियार करते हुए नजर आ रहा है। सपा (SP), बसपा (BSP) और भाजपा (BJP) तीनों अपने शासनकाल को लॉ एंड ऑर्डर (Law And Order) के मामले में दूसरों से बेहतर बता रहे हैं। तो आईए समझते हैं किन पार्टियों की सरकार में लॉ एंड ऑर्डर को दुरूस्त करने के लिए क्या – क्या कदम उठाए गए –
बसपा
'चढ़ गुंडन की छाती पर मुहर लगेगी हाथी पर' का नारा बुलंद कर पहली पूर्ण बहुमत के साथ 2007 में उत्तर प्रदेश की बागडोर संभालने वाली मायावती (Mayawati) ने अपने पूर्ववर्ती मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को लॉ एंड ऑर्डर (Law and Order ) के मुद्दे पर जमकर घेरा। सपा सरकार (SP Government) में गुंडों औऱ माफियाओं के आतंक और भय से त्रस्त जनता चुनाव में मायावती के इस नारे को हाथों हाथ लपका और उन्हें सत्ता में बैठा दिया। ये खराब कानून व्यवस्था के कारण उपजी नाराजगी ही थी जिसने बीएसपी के झोले में गैर पारंपरिक वोटों को भी डाल दिया।
- मायावती के राज में अपराधी से लेकर नेता और बाबू तक उनसे खौफ खाते थे। गड़बड़ी करने पर वो उन्हें सलाखों के पीछे डालने से नहीं हिचकती थीं।
- दाग लगने पर मायावती ने अपने ही विधायकों और मंत्रियों को जेल में डाल दिया।
- कुंडा के बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के ऊपर मायावती शाषन के दौरान हुई कार्रवाई प्रदेश में एक मिसाल बनी।
सपा
राज्य की प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) लचर कानून व्यवस्था को लेकर खासी बदनाम रही है। सपा सरकार (SP Government) में गुडों औऱ माफियाओं को प्रश्रय देने के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। माना जाता है कि 90 के दशक में अपनी पार्टी बनाने वाले मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) सपा (SP) का राज्य में वर्चस्व स्थापित करने के लिए माफियाओं और बाहुबलियों का सहारा लिया। जो आगे चलकर उन्हीं के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गए। 2012 में बड़े बहुमत के साथ सत्ता में लौटी समाजवादी पार्टी युवा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को मुख्यमंत्री बना अपनी उस पहचान से पीछे छुड़ाने की कवायद में थी। लेकिन अगले ही वर्ष मुजफ्फरनगर में हुए दंगे ने सपा सरकार (SP Government) की कोशिश को पलीता लगा दिया। इससे पहले अखिलेश प्रतापगढ़ में सीओ जियाउल हक की हत्या और मथुरा के जवाहरबाग कांड को लेकर कानून व्यवस्था के मसले पर एकस्पोज हो चुकी थी। हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस छवि को तोड़ने की काफी कोशिश भी की। उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर को दुरूस्त करने के लिए कई अहम योजनाएं शुरू की, जो इस प्रकार है –
- अखिलेश सरकार ने पुलिस की रिस्पांस को बेहतर बनाने के लिए डायल 100 शुरू किया। जिसे काफी सराहा भी गया।
- वुमेन सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए वीमेन पावर लाइन – 1090 की शुरूआत की गई। जहां शिकायत करने वाली महिलाओं के नाम गुप्त रखे जाते थे।
बीजेपी
पड़ोसी बिहार में लालूराज को जंगलराज कहकर सत्ता से बेदखल करने वाली बीजेपी (BJP) ने उत्तर प्रदेश में भी सपा के राज को गुंडाराज बता कर यहां अपना वर्चस्व कायम किया। लॉ एंड ऑर्डर (Law And Order) के मसले पर अखिलेश सरकार (Akhilesh Yadav) को सबसे अधिक टारगेट करने वाली बीजेपी (BJP) ने सत्ता में आते ही इस पर गंभीरता से फोकस किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की 'ठोक दो' वाले बयान खूब सुर्खियां बटोरी। सीएम योगी खुलेआम अपनी सभाओं से अपराधियों को प्रदेश छोड़कर चेतावनी दिया करते थे, जिसका असर भी देखा गया। सपा सरकार के विपरित भाजपा सरकार (BJP Government) में अब तक कोई दंगा नहीं हुआ। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए गए। यही वजह है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव में अच्छी कानून व्यवस्था को अपना यूएसपी मान रही है और पार्टी इसका जमकर प्रचार भी कर रही है। तो आइए एक झलक योगी सरकार के कुछ चर्चित कदमों पर डालते हैं –
- अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति।
- बेटियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉयड अभियान।
- माफियाओं और गुंडा एक्ट की कार्रवाई।
- मुख्तार अंसारी, विजय मिश्रा, अतीक अहमद जैसे कुख्यात माफियाओं पर शिकंजा।
- माफियाओं की 2 हजार करोड़ी की संपत्ति जब्त, अवैध कमाई से अर्जित की हुई संपत्ति को जमींदोज करने की कार्रवाई।
- मेरठ मे चोरी के वाहन काटकर बेचने वालों पर कार्रवाई।
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति योजना की शुरूआत जिसके अंतर्गत पिंक पेट्रोलिंग शुरू की गई, थानों में महिला डेस्क बनाए गए।
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