Lucknow News: CM योगी के निर्देशों को नहीं मान रहें DG वेदब्रत सिंह, फार्मेसिस्टों के कार्य बहिष्कार से शासन व महानिदेशालय की उड़ी नींदें

Lucknow News: चिकित्सालयों में फार्मेसिस्टों के कार्य बहिष्कार से चिकित्सा व्यवस्था (medical system) प्रभावित हो गई है। वहीं, उनके पत्र के माध्यम से फार्मेसिस्टों को एस्मा (ESMA Act) का भय व कार्यवाही का भय दिखाया जा रहा है।

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Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-12-14 19:59 IST

Lucknow News: "डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन" (Diploma Pharmacist Association) के मात्र 2 घंटे सफल कार्य बहिष्कार (work boycott) से महानिदेशालय में बैठे अधिकारी बौखला गए हैं। महानिदेशक ने एक पत्र जारी कर स्वीकार किया है कि फार्मेसिस्टों के कार्य बहिष्कार से प्रदेश के चिकित्सालयों की चिकित्सा व्यवस्था (medical system) प्रभावित हो गई है। वहीं, उनके पत्र के माध्यम से फार्मेसिस्टों को एस्मा (ESMA Act) का भय व कार्यवाही का भय दिखाया जा रहा है।

22 नवंबर, 2021 को संघ द्वारा महानिदेशक व शासन को मांग पत्र सहित आंदोलन का नोटिस (notice of movement) दिया था, तब से आज तक उनके द्वारा संघ से कोई वार्ता तो नहीं की गई, वरन कल पत्र जारी कर कार्यवाही करने की धमकी दी गई। उनके इस पत्र ने आंदोलन की आग में घी डालने का कार्य किया है और आज प्रदेश भर के चिकित्सालयों में जमकर प्रदर्शन किया गया।"

मरीजों को काफी असुविधा झेलनी पड़ी

ये बातें डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन (यूपी) के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला ने 'न्यूज़ट्रैक' संग बातचीत में कही। मंगलवार को भी 20 सूत्री मांगों को लेकर छठे दिन प्रदेश भर के चिकित्सालयों में फार्मेसिस्टों, चीफ फार्मेसिस्टों व प्रभारी अधिकारियों ने 2 घंटे कार्य बहिष्कार किया। जिससे मरीजों को काफी असुविधा झेलनी पड़ी।

17 दिसंबर से पूरी तरह से सेवाएं होंगी बंद

महामंत्री उमेश मिश्रा (General Secretary Umesh Mishra) ने कहा कि "विभाग का मुखिया होने के नाते महानिदेशक को संगठन से वार्ता करनी चाहिए थी। वार्ताओं से ही समस्याओं के निराकरण की दिशा में कार्य होता है, लेकिन पिछले ढाई वर्षो से शासन स्तर पर एक भी वार्ता का न होना शासन व महानिदेशालय की उदासीनता प्रदर्शित करता है। इसी संवाद हीनता के कारण आंदोलन की स्थिति उत्पन्न हुई है।

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन जनहित का आंदोलन है और जनता की असुविधा को देखते हुए 9 दिसंबर से 16 दिसंबर तक मात्र 2 घंटे कार्य बहिष्कार किया जा रहा है और इसके पश्चात भी शासन का उदासीन रवैया जारी रहा, तो मजबूर होकर प्रदेश भर के फार्मेसिस्ट संवर्ग के समस्त कर्मचारी व अधिकारी 17 दिसंबर से पूर्ण रूप से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे व 20 दिसंबर से आपातकालीन व पोस्टमार्टम सेवाओं को भी बंद कर देंगे।


मुख्यमंत्री के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

कार्य बहिष्कार के मद्देनजर बलरामपुर चिकित्सालय (Balrampur Hospital) में प्रदेश संरक्षक केके सचान, एसएन त्रिपाठी, संजय कनौजिया के नेतृत्व में फार्मेसिस्टों ने 2 घंटे कार्य बहिष्कार व जोरदार प्रदर्शन किया। एसएन त्रिपाठी व केके सचान ने बताया कि फार्मेसिस्टों की वेतन विसंगति, पदनाम परिवर्तन, नुस्खा लिखने का अधिकार दिए जाने, पदों के मानकों में परिवर्तन किए जाने सहित अन्य मांगों पर शासन को अविलंब निर्णय लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के क्रम में तत्काल फार्मेसिस्ट संवर्ग के उच्च पदों पर पदोन्नति (Promotion) की जानी चाहिए। मग़र, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक वेदब्रत सिंह उनकी बात नहीं मान रहे।" उन्होंने बताया कि अग़र महानिदेशक ने मुख्यमंत्री की बातों को नहीं माना तो 17 दिसंबर से प्रदेशभर की स्वास्थ्य सेवाओं को ठप्प करने के लिए फार्मेसिस्ट मजबूर होंगे।

प्रदर्शन में मुख्य रूप से प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय कुमार पांडे, लखनऊ जनपद शाखा के अध्यक्ष अरुण अवस्थी, कपिल वर्मा, अविनाश राजेश वरुण, सुशील त्रिपाठी, शैलेंद्र सिंह, डीके चौधरी, शरद पटेल, हरीश मिश्रा, कुसुम यादव, जीके यादव, वीके वर्मा, जेपी श्रीवास्तव, सुभाष श्रीवास्तव, संगीता, महेंद्र यादव, भूपेंद्र सिंह और आरपी सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए।

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