Lucknow News: किसानों की नाराजगी का चुनावी लाभ उठाने को तैयार विपक्ष, मचेगी वोटों की जंग
प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में सत्ता का सिंहासन इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से तय होगा।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में सत्ता का सिंहासन इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से तय होगा। यही कारण है कि विपक्षी दलों सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस ने इस क्षेत्र के किसानों की नाराजगी का लाभ उठाने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है।
दो दिन पहले मुजफ्फरनगर में हुई किसानों की महापंचायत के दौरान केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों के खिलाफ किसानों की नाराजगी को देखते हुए सबसे अधिक उत्साहित राष्ट्रीय लोकदल दिख रहा है। चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद उनके बेटे जयंत चौधरी के नेतृत्व में पहली बार रालोद किसी बड़े चुनाव में उतरने जा रहा है। रालोद मान चुका है कि इस चुनाव में उसे बढ़त मिलने वाली है। वहीं समाजवादी पार्टी को रालोद के साथ गठबन्धन के कारण अपनी नैया पार होते दिख रही है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार किसानों को लेकर बेहद चिंतित दिख रहे हैं। वह जहां कहीं भी जा रहे हैं किसानों के प्रति पार्टी की चिंता व्यक्त करते हुए दिखाई दे रहे हैं। पार्टी विधानसभा चुनाव तक सरकार विरोधी माहौल को बनाए रखना चाहती है। समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों को लग रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बहने वाली हवा पूर्वांचल तक बहेगी। हालांकि उसका रालोद से गठबन्धन है और अभी तक सीटों के बंटवारे की बात सामने नहीं आई है पर इतना तय है कि रालोद के सहारे समाजवादी पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव में लाभ मिल सकता है।
उधर बसपा भी पिछले लोकसभा चुनाव में छह में से पांच सीटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जीतने के बाद इस विधानसभा चुनाव में बेहद उत्साहित है। मायावती को लग रहा है कि मुसलमान वोट भी इस बार उसे ही मिलने जा रहा है। इसलिए बसपा के लोग 2013 के दंगे की याद दिलाकर इस समाज से सहानुभूति बटोरने में लग गए है। जाट वोट को बटोरने के लिए मायावती भी किसानों का खुलकर समर्थन कर रही हैं।
जबकि कांग्रेस को लगता है कि जाट वोट भले ही उसे न मिल सके पर मुस्लिम वोट एक बार फिर परम्परागत रूप से उसी की झोली में गिरने जा रहा है। राहुल गांधी लगातार किसानों को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। प्रियंका गांधी भी लगातार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अपना निशाना साध रही हैं।
इस बारे में रालोद के वरिष्ठ नेता अनिल दुबे का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान का मतलब है रालोद और रालोद का मतलब है किसान। इसलिए अगले विधानसभा चुनाव में सपा रालोद गठबन्धन भारी पड़ेगा और पिछले चुनाव से ज्यादा हमें इस बार लाभ मिलने जा रहा है।