Super brain Yoga and Meditation: 'सुपरब्रेन योग व ध्यान' पर वैदिक विज्ञान केंद्र से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन

Super brain Yoga and Meditation: याददाश्त को तेज करने के लिए भारतवर्ष में वैदिक काल से ही ऋषियों / मुनियों ने अपने आध्यात्मिक अनुभवों व शोध द्वारा कई रहस्यों को उजागर किया है।

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Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-01-07 11:17 GMT

पुस्तक का विमोचन: 'सुपरब्रेन योग व ध्यान' 

Lucknow: वैदिक विज्ञान केंद्र (Vedic Science Center) जिसकी स्थापना अप्रैल 2015 में स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट साइंसेज (School of Management Sciences), लखनऊ के प्रांगण में की गयी। जिससे भारतवर्ष के पौराणिक ग्रंथों में छुपे अध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान (spiritual science) को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से जन मानस को लाभ पहुंचाया जा सके और इसे अधिक से अधिक प्रसारित किया जा सके।

संस्थान के संस्थापक व अध्यक्ष सतीश कुमार सिंह (Satish Kumar Singh) व वैदिक विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. भरत राज सिंह (Dr. Bharat Raj Singh), महानिदेशक द्वारा विगत वर्ष में योग दर्शन पुस्तक प्रकाशित हुईं थी, जिसका 7-अंतराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवादित होकर विभिन्न प्रकाशकों द्वारा विश्व पटल पर जनमानस नें कोरोना महामारी के दौरान अपने जीवन रक्षा में अधिक से अधिक लाभ उठा रहें हैं ।

'सुपरब्रेन योग व ध्यान' याददाश्त को कैसे करें तेज?

इसी क्रम में, डॉ. भरत राज सिंह, महानिदेशक तथा सतीश कुमार सिंह, नें अपनी दूसरी पुस्तक 'सुपरब्रेन योग व ध्यान' याददाश्त को कैसे करें तेज? को सर्वमान्य हिंदी सरल भाषा में लिखकर छात्र /छात्राओ व समाज को लाभ पहुंचाने का एक अनोखा प्रयोग किया है ।

यह पुस्तक लूलू प्रेस, अमेरिका द्वारा प्रकाशित हुई है और अमेज़न बुक्स पर उपलब्ध है । इसका कॉलेज स्तर पर विमोचन शरद सिंह, सचिव व कार्यकारी अधिकारी,एस.एम.एस., लखनऊ द्वारा किया गया जिसमे कॉलेज के निदेशक, डॉ. मनोज मेहरोत्रा, मुख्य महाप्रबंधक, डॉ. जगदीश सिंह, डीन अकादमी, डॉ. धर्मेंद्र सिंह आदि सम्मलित हुए ।

याददाश्त को तेज करने का उपाय

इस अवसर पर, डॉ. सिंह, ने बताया कि याददाश्त को तेज करने के लिए भारतवर्ष में वैदिक काल से ही ऋषियों / मुनियों ने अपने आध्यात्मिक अनुभवों व शोध द्वारा उठक-बैठक का अभ्यास विद्यार्थियों के व्यवहारिक जीवन में कराते थे। इस क्रिया से 2-5 मिनट में कान के दाये व बाये ललाटो को खींचने से मस्तिष्क का बाये व दायें भाग क़ी नसें काफ़ी प्रभावी हो जाती थी, जिसके कारण तत्काल याददाश्त बढ़ जाती थी ।

आजकल इसका प्रचार विदेश के स्कूल व कॉलेजो में भी याददाश्त बढ़ाने हेतु कई वर्षो से किया जा रहा है । इसी क्रम में, ध्यान की सहज़ विधि को भी पुस्तक में बताया गया है, जिससे शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता बढती है और वायरस व आसाध्य रोगो जैसे कैंसर, हृदय रोग, किडनी आदि में भी फायदा मिलता है ।

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