Raebareli News: छात्र ने किया नेत्रहीनों के लिए आविष्कार, अब उन्हें देखने और समझने में होगी आसानी

Raebareli News: जिले के निजी पब्लिक स्कूल में 10वीं का छात्र है और उसने जो चश्मा (Electronic chasma) तैयार किया है।

Report :  Narendra Singh
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-12-20 16:29 IST

Raebareli News: रायबरेली के छात्र ने किया नेत्रहीनों के लिए आविष्कार 

Raebareli News: जिले के एक छात्र ने नेत्रहीनों के लिए ऐसा कर दिखाया है, जिसकी चर्चा सिर्फ रायबरेली ( Raebareli) में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हो रही है। छात्र के इस आविष्कार से अब नेत्रहीनों को देखने और समझने में आसानी होगी। ये छात्र जिले के निजी पब्लिक स्कूल में 10वीं का छात्र है और उसने जो चश्मा (Electronic chasma) तैयार किया है, उसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology) ने पसंद किया है। यही नहीं छात्र को विभाग की ओर से 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी गई है।


इलेक्ट्रॉनिक चश्मा बनाया गया

कक्षा 10 के छात्र नैतिक श्रीवास्तव ने कंप्यूटर शिक्षक शिवांग अवस्थी (computer teacher shivang awasthi) व विज्ञान के शिक्षक सुलेमान सिद्दीकी (Science teacher Suleman Siddiqu) की मदद से एक इलेक्ट्रॉनिक चश्मा (Electronic chasma) तैयार किया है। चश्मे की खासियत बताते हुए नैतिक श्रीवास्तव ने बताया कि गांव में एक नेत्रहीन व्यक्ति (netrhin bache) को देखकर उनके मन में यह जिज्ञासा जगी थी कि इनके लिए कुछ सहायक उपकरण तैयार किए जाएं। जिनसे इनके जीवन में सहजता आ सके। चश्मे के बारे में बताते हुए कहा कि इस चश्मे के माध्यम से नेत्रहीन व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को सहजता से पहचान सकता है। व्यक्ति का चेहरा सामने आते ही उसका नाम नेत्रहीन व्यक्ति को सुनाई देने लगेगा। 



विभाग से छात्र को 10000 की प्रोत्साहन राशि मिली

छात्र ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में उसने एक कैमरा, दो अल्ट्रासोनिक सेंसर, एक प्रोसेसर, एक माइक्रोचिप व एक ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया है। इसकी खास बात है यह कि इसमें जितने लोगों के आंकड़े सुरक्षित किए जाएंगे। उन्हीं पर यह चश्मा संकेत देगा। विद्यालय के इंचार्ज राजीव सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने पसंद किया है। इसे मान्यता भी प्रदान की है। चश्मे को मूर्त रूप देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से छात्र को 10000 की प्रोत्साहन राशि मिली है। इस चश्मे का प्रयोग भी आधा दर्जन नेत्रहीनों पर किया जा चुका है। अब तक इसके परिणाम सफल साबित हुए हैं ।उन्होंने बताया कि चश्मे को बनाने के लिए कंप्यूटर शिक्षक शिवांग अवस्थी व विज्ञान के शिक्षक सुलेमान सिद्दीकी का विशेष सहयोग रहा है।

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