UP Mein Baddh : शारदा- घाघरा का तांडव जारी, नेपाल से छोड़ा गया पानी, यूपी के इन जिलों में बाढ़ का भीषण कहर
UP Mein Baddh Ka Kahar : सीतापुर में दर्जनों कच्चे पक्के सम्पर्क मार्गों पर बाढ़ के पानी के तेज बहाव के चलते आवागमन बाधित हो गया है।
UP Mein Baddh Ka Kahar : पहाड़ों पर ऊंचे स्थानों पर हुई बारिश के बाद उत्तराखंड और नेपाल में बैराजों से छोड़े गए करीब 6 लाख क्यूसेक पानी से रामपुर(Rampur mein badh), लखीमपुर(Lakhimpur mein badh), सीतापुर (sitapur mein badh) पीलीभीत (Pilibheet mein badh), बहराइच (Bahraich mein badh) आदि में सैकड़ों गांवों में बाढ़ के हालात हो गए थे। लोगों को बचाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। एनजीओ व व्यापारी संगठनों की मदद से भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। दर्जनों कच्चे पक्के मकान व सम्पर्क मार्ग बाढ़ के पानी से बह गए हैं। रामपुर मे करीब दो सौ गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
नेपाल ने छोड़ा साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी, बाराबंकी में बाढ़ को लेकर हाई अलर्ट
बेमौसम बारिश ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी मुश्किल खड़ी कर दी है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं बाराबंकी जिले में एक बार फिर सरयू नदी की बाढ़ से तबाही की आशंका को लेकर जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है।
मंगलवार को नेपाल के शारदा बैराज बनबसा से साढ़े पांच लाख क्यूसेक क्यूसेक पानी एक साथ छोड़ने से नदी के जल स्तर में उफान आ गया है। जिसको लेकर तराई क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बढ़ते जलस्तर से तबाही की आशंका को देखते जिला प्रशासन ने सरयू नदी की तराई में बसे गांव में अलर्ट जारी कर दिया है।
बाराबंकी में अलर्ट
Barabanki Mein Badh Ka Alert
बाराबंकी में नेपाल के शारदा बनबसा बैराज से सरयूनदी में करीब साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसे लेकर नदी तट के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन इसे लेकर अलर्ट हो गया है। वहीं ग्रामीण भयभीत नजर आने लगे हैं। और स्कूली बच्चे भी जान जोखिम में डालकर नाव पर बैठ कर स्कूल जाने को मजबूर हैं।
सरयू नदी की बाढ़ इस बार भी अगस्त व सितंबर में आकर चली गई थी। लेकिन अब करीब साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद तीसरी बार बाढ़ के हालात बेकाबू होने वाले हैं।
सरयू नदी ( घाघरा नदी ) का जलस्तर खतरे के निशान से कल दोपहर तीन बजे 36 सेंटीमीटर पहुंच चुका था। आज गुरुवार की शाम तक एक मीटर ऊपर पहुंचने अनुमान है। तब हालात बेकाबू होंगे।
इससे नदी के तटवर्ती करीब 100 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पांच-छह सितंबर को हुई बारिश ने पूरे जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए थे। सरयू नदी में बाढ़ के पीछे स्थानीय बारिश नहीं बल्कि नेपाल से छोड़ा जाने वाला पानी है।
बाराबंकी जिले की सरयू नदी करीब 16 किलोमीटर के दायरे में है। इस समय जो हालात हैं यही हालात वर्ष 2013 में बने थे। तब सितंबर माह में तीन बार बाढ़ का दंश ग्रामीणों ने झेला था। उस समय कई किलोमीटर दूर लोधेश्वर महादेव मंदिर तक सरयू नदी का पानी पहुंच गया था।
वर्ष 2016 में एल्गिनब्रिज-चरसड़ी तटबंध कटने से कमियार गांव के 443 परिवार प्रभावित हुए थे। 81 घर विस्थापित किए गए थे। इस बार भी उसी तरह बाढ़ के हालात को देखते हुए संबंधित अधिकारी भ्रमण कर लोगों को बाढ़ से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं।
सीतापुर में 60 गांव बाढ़ से प्रभावित
(Sitapur Mein Badh Ka Kahar)
सीतापुर में शमी अहमद की रिपोर्ट के अनुसार गांजर इलाके में शारदा व घाघरा नदियां तांडव करती नजर आ रही हैं। तटवर्ती इलाकों में नदियों का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है। सीतापुर में करीब 60 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और 10 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में है। बैराजों से छोड़े गए पानी से सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है। बाढ़ के पानी ने 60 गांवों में तबाही मचा रखी है।
बाढ़ के कारण गांजर इलाके में शिक्षण कार्य भी पूरी तरह से बाधित है। बाढ़ को लेकर डीएम व एसपी लगातार बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हैं और ग्रामीणों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। जिला व पुलिस प्रशासन ग्रामीणों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दे रहा है।
बाढ़ग्रस्त इलाकों को देखा जाए तो शारदा नदी के पानी ने तटवर्ती इलाके कम्हरिया, शेखनपुरवा, बढहीनपुरवा आदि गांवों को चपेट में ले लिया है। बताते चलें कि इन गांवों में लगभग 2 सैकड़ा परिवार निवास करते हैं।
वही काशीपुर, जटपुरवा,श्रीराम पुरवा, ताह पुरवा,सिरसा सहित 2 दर्जन से अधिक गांव घाघरा और शारदा नदी के बढ़े हुए जल स्तर से प्रभावित हो गए हैं। आलम यह है कि कच्चे-पक्के संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी तेजी के साथ बहाव कर रहा है। जिससे कि लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दर्जनों कच्चे पक्के सम्पर्क मार्ग बाढ़ के पानी से कटे
(Pani Mein Bahe Kae Makan)
ग्रामीणों का कहना है कि बढ़ईन पुरवा, कम्हरिया शेखू पुर में लगभग दो सैकड़ा परिवार निवास करते हैं। काशीपुर जटपुरवा मेउड़ी छोलहा श्रीराम पुरवा,गोड़ीयन पुरवा ,ताहपुर सिरसा चौंसा बजहा दुलामऊ नारायण पुर जाफरपुर कोलिया छड़िया चहलारी राजापुर डलिया व गौलोक कोडर आदि दो दर्जन से अधिक गाँव घाघरा व शारदा नदी की बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं।
इसके साथ ही दर्जनों कच्चे पक्के सम्पर्क मार्गों पर बाढ़ के पानी के तेज बहाव के चलते आवागमन बाधित हो गया है। ग्राम पंचायत गौलोक कोडर के मजरा दुर्गा पुरवा के बाशिंदे नदी के बढ़ रहे जलस्तर को लेकर भयभीत हैं।
मेयोड़ी छोलहा के निकट शारदा नदी का पानी नदी के पेट से निकल कर गलियारों से होता हुआ गांवों घरों में प्रवेश कर गया है। जहाँ मेयोड़ी छोलहा गाँव के मुरली, मुन्नी लाल, संतराम के घर नदी में समाहित हो गए वहीं सामुदायिक शौचालय भवन व निर्माणाधीन पंचायत भवन को नदी की तेज धाराओं के निशाने पर है।
गोलोक कोडर क्षेत्र में घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ कर गांवों घरों में प्रवेश कर गया है। पूर्व में घाघरा नदी की विकराल धाराओं ने दुर्गा पुरवा गाँव के लगभग डेढ़ सैकड़ा घरों वाले इस मजरे को तहस नहस करते हुए लगभग दो दर्जन से कुछ अधिक घरों तक सीमित कर दिया था।
पूर्व में आई बाढ़ व कटान के दंश से ग्रामीण अभी उबर नहीं पाए थे कि फिर एक बार शेष बचे लोगों में शंकर यादव, बाबादीन, झब्बू, तहसीलदार, बलराम, राजितराम व मुलायम सन्दीप इन्दल संतप्रताप ब्रम्हा यादव छेद्दु रामकिशुन संदीप भार्गव राधे बलराम अनिल भाई लाल राम हरख राजेश मोती राकेश आदि के इक्कीस घर घाघरा नदी की कटान की भेंट चढ़ गए।
कुछ लोग अपनी घर गृहस्थी का सामान घरों से निकाल पाए वहीं कुछ लोगों का घर गृहस्थी का सामान उनके कच्चे पक्के घरों के साथ नदी ने निगल लिया। नदियों के तलहटी में बसे लोगों का कहना है कि बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है। सैकड़ों एकड़ फसल युक्त भूमि बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गई है ।
प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है-डीएम
(Logon Ko Nikala Ja Raha)
वही डीएम विशाल भारद्वाज ने बताया कि जनपद सीतापुर में जो घाघरा और शारदा नदी में बाढ़ का पानी आ रहा है। उससे लगभग 60 गांव प्रभावित हैं और इन गांव में करीब 10,000 लोगों की आबादी बाढ़ की चपेट में है। जो बाढ़ ग्रस्त इलाके में लोग हैं उन को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। लगभग सभी स्थानों से हटा लिया गया है जो लोग बाकी हैं आज शाम तक हटा लिया जाएगा। वहां पर राजस्व विभाग पुलिस विभाग और विकास विभाग के जो सहयोगी विभाग है सब की सहायता से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
संतकबीरनगर में घाघरा नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि, 20 गांव खाली कराने का निर्देश
(Sant Kabirnagar Mein Badh Ka Alert)
संतकबीरनगर से अमित पांडे की रिपोर्ट है कि जिले में घाघरा के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। जिला प्रशासन घाघरा नदी से सटे 20 गांव(Sant Kabirnagar Mein Badh Ka Alert) को खाली कराते हुए बंधा बचाने के प्रयास में जुटा है। कल से ही घाघरा नदी के जल स्तर में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
जिले का तुरकौलिया बांध पहले से टूटने के कगार पर था जैसे ही जिला प्रशासन को नदी में बढ़ोतरी की सूचना लगी तो डीएम के साथ अन्य अधिकारी तुर्कवालिया बंधे पर पहुंच गए। बचाव के लिए पत्थर के बोल्डर डाले जा रहे हैं। वही अधिकारियों की तैनाती भी बंधे पर की गई है। लोगों को अलर्ट किया गया है कि बंधे से सटे 20 गांव के लोग (Sant Kabirnagar Mein Badh Ka Alert)अपना घर खाली कर दें जिससे बाढ़ की चपेट में आने से बच सकें।
पूरे मामले पर डीएम दिव्या मित्तल ने बताया कि उत्तराखंड में आए पानी की वजह से घाघरा नदी के जलस्तर में काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है जिससे इलाके में बाढ़ (Sant Kabirnagar Mein Badh Ka Alert) की संभावना उत्पन्न हुई है। जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए तैयार है।