Ayodhya News: योगी सरकार के कुशासन के 8 साल, कांग्रेस ने अयोध्या में रखे 8 बड़े सवाल,पूर्व सांसद निर्मल खत्री ने किया जोरदार हमला

Ayodhya News: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर योगी सरकार के 8 वर्ष विषयक जो सरकारी दावों किया जा रहे हैं।;

Update:2025-03-27 18:51 IST

8 years of Yogi government misrule Congress raised 8 big questions (Photo: Social Media)

Ayodhya News: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर योगी सरकार के 8 वर्ष विषयक जो सरकारी दावों किया जा रहे हैं उस संदर्भ में कांग्रेस की बात और सच्चाई जनता के समक्ष रखने हेतु फैजाबाद मंडल मुख्यालय अयोध्या मे पूर्व सांसद निर्मल खत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन पर हुई।

पूर्व सांसद डॉ निर्मल खत्री ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कुशासन के 8 साल पूरे हो गये हैं। प्रदेश बदहाल है, जनता बेहाल है और सरकार अपन आत्ममुग्धता में खुद ही अपनी पीठ थपथपा रही है। आकड़ों की बाजीगरी कर योगी जी सच को छुपाने की कोशिश क रहे हैं। मगर प्रदेश में व्याप्त अराजकता, कुशासन, जंगलराज उनके हर झूठ को बेनकाब कर रहा है। हम इस योग सरकार से 8 सवाल पूछते जिनके जयाब प्रदेश की जनता जानना चाहती है।

योगी जी क्यों है प्रदेश के युवाओं का भविष्य अंधकारमय है।

पिछले 8 सालों में लगभग सरकारी परीक्षाओं के पर्चे लीक हुए हैं। कई ऐसी परीक्षाएं हुई है जिनके परिणाम आजतक सरकार घोषित नहीं कर पाई है। पिछले कई सालों से यह सरकार नई शिक्षक भर्ती भी नहीं कर पाई है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है। कुल मिलाकर यह सरकार प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी देना ही नहीं चाहती है। निजी क्षेत्र में नये निवेश ना होने के कारण युवाओं के लिए नौकरियां नहीं मिल पा रही है। ILD (इंटर' समल सेवर आर्गेनाइजेशन) के अनुसार उ0प्र0 में तबसे अधिक युवा बेरोजगार हैं।

मुख्यमंत्री जी यह बताएं कि उनके शासन में किसान मजदूर क्यों बदहाल है?

07 दिसंबर 2024 में मनरेगा मजदूरों की 100 रोड़ से अधिक की मजदूरी बकाया है। होली बीत गई और ईद आने बाली है और इस संवेदनहीन सरकार में मजदूरों को कोई भी त्यौहार मनाने का हक नहीं है। यह आम बात है कि प्रदेश में मजदूरी समय से नहीं मिलती और अक्सर मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुंच जाते हैं। उन्होंने किसानों की आय तो दोगुनी नहीं हुई, मगर उनकी लागत जरूर बढ़ गई जिससे वह जितना कमा रहे थे अब उतना भी नहीं कमा रहे हैं। अक्टूबर 2004 में डीएपी की कालाबाजारी हुई और बाज़ार से अधिक पैसे देने पर भी डीएपी नहीं मिल रहा था। फ्री बिजली माफ की योजना में इतने अगर लगे हुए हैं कि शायद ही कोई किसान अपनी बिजली का बिल माफ करा पाता हो। गन्ना समर्थन मूल्य पिछले आठ सालों में मात्र तीन बार बढ़ा और वह कुल 55 रूपये जबकि महंगाई कहां से कहां पहुंच गई।

भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का दावा करने वाले योगी जी यह बताएं कि उ०प्र० भ्रष्टाचार युक्त कैसे हो गया?

मुख्यमंत्री जी के ड्रीम प्रोजेक्ट इन्वेस्ट यूपी के कर्णधार आईएएस अभिषेक प्रकाश कमिशनखोरी में पकड़े गये। सच यह है कि पूरे प्रदेश का कोई ऐसा विभाग नहीं जहां बिना घूसखोरी/कमिशनखोरी के काम हो रहा हो। कुंभ से कोरोना तक, रामपथ से ईन्वेस्ट यूपी तर चारों ओर भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। आए दिन सोशल मीडिया पर धंसती हुई सड़कों की तस्वीरे वायरल हो रही है, इंसान तो इंसान इनकी सरकार ने प्रभु श्री राम से बेइमानी करने से नहीं चूके। रामपथ इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। हाल में आयोजित हुए कुंभ की बदहाली ने बहुत ही व्यापक स्तर पर हुए घोटाले का संकेत दिया। कोरोना की भयावह महामारी में जब हर तरफ लाशों का ढेर था तब भी इस सरकार ने थर्मामीटर से लेकर ऑक्सीमीटर तक, दवाओं से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर तक में जबरदस्त भ्रष्टाचार किया।

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से पूरे प्रदेश की तरफ से यह सवाल है कि क्यों इस प्रदेश में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने का एक राज्य प्रायोजित अभियान चल रहा है

बहराइच में दंगों के समय प्रशासन और पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। संभल का मामला हो या कुशीनगर में बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किये मस्जिद को गिरा देने का मामला रहा हो या फिर मथुरा में विवाद पैदा करने का मामला रहा हो। यह सरकार सामाजिक ताने-बाने को। छेन्न-भिन्न कर वोट की राजनीति करनी चाहती है।

जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले योगी जी को यह बताना होगा कि कैसे यह प्रदेश अपराध प्रदेश में तब्दील हो गया

योगी जी यह दावा करते हैं कि प्रदेश में अपराध खत्म हो चुके है मगर समाचार पत्रों और चैनलों की ओर नज़र जाती है तो प्रत्येक दिन किसी ना किसी जघन्य अपराध की कहानी लिखी होती है। एनसीआरबी के आकड़े कहते हैं कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में 15 प्रतिशत अकेले उ0प्र0 में हो रहे हैं। आएदिन दुष्कर्म की कोई ना कोई घटन हो रही है जिसक चलते हमारी बहन बेटियों का घर से निकलना दूभर हो गया है। दलितों के खिलाफ अपराध बढ़ते है जा रहे हैं। जो सामाजिक अपराध बंद हो चले थे जैसे दलितों की बारात रोंकना, उन पर हमला करना, उन्हें घोड़ी न चढ़ने देना इस सरकार में पुनः होने लगे हैं।

योगी जी यह भी बताना होगा कि उनकी सरकार संविधान और आरक्षण विरोधी क्यों है?

69 हजार निक्षक भर्ती मामले में मा० उच्च न्यायालय की पहले सिंगल बेंच ने और फिर डबल बेंच ने यह निर्णय दिया कि इन भर्तियों में आरक्षण नियमावली 1994 के नियमों का पालन नहीं किया गया। निर्लज्जता इतनी कि उसके बाद भी इस सरकार ने न्यायालय के आदेश को नहीं माना। स्थाई सरकारी नौकरियों को समाप्त कर यह सरकार ठेके प्रणाली पर पूरे प्रदेश को ले जाना चाहती है ताकि वह आरक्षण को समाप्त कर सके। आएदिन योगी जी स्वयं और इनके तमाम मंत्री संविधान विरोधी बयान दिया करते हैं।

मेरा मुख्यमंत्री जी से सवाल है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी बेहाल क्यों हैं।

आयुष्मान योजना में राष्ट्रीय स्वास्थय प्राधिकरण (NHA) की राष्ट्रीय धोखाधडी विरोधी ईकाई (NAFU) की जांच में 139 करोड़ रूपये से अधिक से फर्जी क्लेम उत्तर प्रदेश में पाये गये जो पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। योगी जी देश का सबसे बड़ा बजट होने का दावा करते हैं मगर स्वास्थ्य विभाग को मात्र 6 प्रतिशत आवंटित करते हैं। नीति आयोग के 19 राज्यों के स्वास्थ्य सेवाओं गर किए एक सर्वे के अंतर उ०प्र० स्वास्थ्य सेवाओं के मामलों में 18 वें नंबर पर है। 112 एम्बुलेंस सेवाओं के नाम पर जबरदस्त घोटाला हो रहा है।

आए दिन सोशल मीडिया पर इसी व्यवस्था के अभाव में लाश को कंधे पर ले जाते लोग, एम्बुलेंस को धक्का मारते लोग, बेड के आभाव में एक ही बेड पर इलाज कराते दो-दो मरीज दिखते रहते हैं। सिर्फ दिखाने के लिए कई जिला के जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में तब्दीन कर दिया गया है मगर उन्हें कोई भी अतिरिक्त सुविधा नहीं दी गई है। हालत यह है कि अस्पतालों में न तो दवाएं है और ना ही कोई परीक्षण हो पाते हैं।

योगी जी यह बताएं कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था इतनी बदहाल क्यों है?

योगी जी 8 लाख करोड़ का बजट पेश करते हैं मगर इस बात पर मौन साध लेते हैं कि प्रदेश पर कुल कर्ज 9 लाख करोड़ के आस-पास पहुंचने वाला है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में पूरे देश में हम सिर्फ बिहार से ऊपर हैं। आज भी प्रदेश की 22.5 प्रतिशत जनता गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करती है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना चल रहा है मगर अभी पिछले बजट का ही मात्र 55 प्रतिशत धनराशि खर्च हो पाई है। PWD ओर कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग तो अपने आवंटित बजट का मात्र 50 प्रतिशत ही खर्च कर पाये हैं। पिछले कई सालों से यह देखने में आ रहा है कि वित्तीय वर्ष के अंत में सरकार 30 में 35 प्रतिशत बजट खर्च ना कर पाने के कारण सरेंडर कर देती है।

जिस बदहाली और जंगलराज की दशा से उत्तर प्रदेश गुजर रहा है उसमें मुख्यमंत्री जी को एक भी दिन अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। हम मांग करते हैं कि उन्हें तत्काल प्रभाव से अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष चेतनारायण सिंह, महानगर अध्यक्ष सुनील कृष्ण गौतम रानू,पूर्व जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह, रामदास वर्मा, पीसीसी सदस्य उग्रसेन मिश्रा, अंबेडकर नगर के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार यादव, सुल्तानपुर जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा,अंबेडकर नगर पूर्व जिला अध्यक्ष मेराजुद्दीन किछौछवी,सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश पदाधिकारी शैलेंद्र पांडे ,शीतला पाठक, पूर्व प्रदेश सचिव कर्म राज यादव, प्रवीण श्रीवास्तव , उमानाथ शुक्ला, रामेंद्र त्रिपाठी, आशीष यादव, सेवादल महानगर अध्यक्ष बसंत मिश्रा, अशोक कनौजिया, राजकुमार पांडे,बृजेश रावत ,धर्मेंद्र सिंह फास्टर, अशोक राय, मोहम्मद आमिर ,जनार्दन मिश्रा, उमेश उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

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