Mosque Construction In Ayodhya: अयोध्या में मई 2024 में शुरू होगा मस्जिद का निर्माण, आईआईसीएफ ने की तैयारी
Mosque Construction In Ayodhya: अब अयोध्या में जल्द ही मस्जिद का निर्माण शुरू होगा। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी जुफर फारूकी ने कहा, ‘मस्जिद का अंतिम डिजाइन फरवरी के मध्य तक तैयार होने की संभावना है और फिर इसे प्रशासनिक मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। परिसर में फरवरी में साइट कार्यालय स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह देरी प्रस्तावित डिजाइन में बदलाव की वजह से हुई है।
Mosque Construction In Ayodhya: सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में दिए गए फैसले के बाद अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद का निर्माण मई 2024 में शुरू हो सकता है। परियोजना से जुड़े लोगों ने कहा है कि इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट (जिसे अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद के निर्माण का कार्य सौंपा गया है) धन जुटाने के लिए फरवरी से विभिन्न राज्यों में प्रभारी की नियुक्ति कर सकता है।
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी जुफर फारूकी ने कहा, 'मस्जिद का अंतिम डिजाइन फरवरी के मध्य तक तैयार होने की संभावना है और फिर इसे प्रशासनिक मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहीं साइट कार्यालय फरवरी में परिसर में स्थापित किया जाएगा।' उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष फारूकी ने उम्मीद जताई है कि हम अगले मई 2024 में मस्जिद का निर्माण शुरू करने की स्थिति में होंगे। फारूकी ने कहा कि मस्जिद के डिजाइन में बदलाव किए जाने और वित्तीय बाधाओं के बाद नई औपचारिकताओं के कारण मस्जिद के निर्माण में देरी हो रही है।
इस कारण से हुई देरी-
उन्होंने ने कहा कि मस्जिद का प्रारंभिक डिजाइन भारत में बनी मस्जिदों पर आधारित था। हालांकि, इसे अस्वीकार कर दिया गया और अब एक नया डिजाइन तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि मस्जिद पहले के तय 15,000 वर्ग फुट के मुकाबले अब 40,000 वर्ग फुट पर बनाई जाएगी।
ट्रस्ट फरवरी तक इस पर फैसला करेगा-
आईआईसीएफ ने पहले मध्य पूर्वी देशों में अपनाई गई मस्जिद के समान "भव्य" डिजाइन में बदलाव करने का फैसला किया था। वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए क्राउड फंडिंग अभियान की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, फारूकी ने कहा कि ट्रस्ट फरवरी तक इस पर फैसला करेगा। उन्होंने कहा, 'क्राउड फंडिंग एक बहुत बड़ा काम है और इसे संभालना बहुत मुश्किल है। हम जो करने की कोशिश कर रहे हैं वह विभिन्न राज्यों में अपने लोगों को परियोजना के लिए धन जुटाने की जिम्मेदारी देना है। उन्होंने कहा, ‘हम पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे।'
लोगों से लिया जाएगा चंदा-
फारूकी ने कहा, फिलहाल ट्रस्ट से जुड़ी मुंबई टीम इस पर काम कर रही है और उम्मीद है कि डेढ़ महीने के भीतर हमारे पास पर्याप्त फंड हो जाएगा। हालांकि, फारूकी ने क्राउड फंडिंग की संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं किया और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो दान देने के इच्छुक लोगों से ऑनलाइन चंदा मांगा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि डिजाइन में बदलाव के कारण मस्जिद के निर्माण में ज्यादा देरी हो रही है। इस पर काम अगले साल शुरू होने की पूरी संभावना है।