Ayodhya News: इस पूर्व आइपीएस ने की हनुमानगढ़ी मंदिर की इनकम सार्वजनिक करने की मांग, लगाए ये आरोप
Ayodhya News: महावीर मंदिर पटना के ट्रस्टी व पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल ने गुरुवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान अयोध्या के सिद्धपीठ हनुमान गढ़ी मंदिर की सालाना इनकम को सार्वजनिक करने की मांग उठाई।
Ayodhya News: महावीर मंदिर पटना के ट्रस्टी व पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल ने गुरुवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान अयोध्या के सिद्धपीठ हनुमान गढ़ी मंदिर की सालाना इनकम को सार्वजनिक करने की मांग उठाई। बीते दिनों हनुमानगढ़ी के संतों के द्वारा पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल पर महावीर मंदिर पटना में अवैध रूप से कब्जा करने और संपत्ति को बेचने के आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों को पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल ने खारिज कर दिया है।
महावीर मंदिर के मामले पर दी सफाई
किशोर कुणाल ने कहा कि महावीर मंदिर से अयोध्या हनुमानगढ़ी मंदिर का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा है कि महावीर मंदिर की स्थापना वर्ष 1900 के लगभग ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी की जमीन पर की गई थी। इसकी देखरेख पुजारी के रूप में अलखिया बाबा करते थे। उनके स्वर्गवास के बाद झुलन गिरि द्वारा महावीर मन्दिर में पूजा-पाठ किया जाता रहा। उनके बाद स्थानीय लोगों द्वारा जन सहयोग से वर्ष 1938 में एक स्वयंभू न्यास समिति का गठन किया गया। कुछ अनावश्यक लोगों के अवरोध के बाद एक मुकदमे में पक्षकारों के बीच एक समझौते के तहत नौ सदस्यीय न्यास समिति का गठन किया गया। तब से लगातार न्यास समिति बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के नियंत्रण में कार्यरत हैं।
न्यायालय की शरण में जाने की बात
किशोर कुणाल ने कहा है कि हनुमानगढ़ी ने महावीर मंदिर पर अपना दावा ठोंका, इससे कोई एतराज नहीं है। लेकिन बोर्ड के फैसले के एक दिन पहले जिस ढंग से संजय दास, माधव दास और रघुनाथ दास ने व्यक्तिगत बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। इनके आरोपों का महावीर मंदिर या उनसे कोई लेना-देना नहीं है। उसके लिए यदि वे सार्वजनिक माफी नहीं मांगते हैं या हनुमानगढ़ी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो न्यायालय में जाकर अपील करेंगे। हनुमानगढ़ी की व्यवस्था से जुड़े लोगों को इनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
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