Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या पहुंचे कुमार विश्वास, मां सरयू का किया पूजन, बोले- यहां आगमन किसी भी मनुष्य के लिए मोक्ष और पुण्य जैसा होता है

Ayodhya Ram Mandir: कहा-अयोध्या मनु की राजधानी है और पहला मनुष्य और मानव यहीं तैयार हुआ। राम मंदिर पर कहा कि 500 वर्षों की तपस्या अब पूर्ण हो रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकतंत्र आने के बाद भी मंदिर राजनीति का विषय बना रहा।

Report :  NathBux Singh
Update:2023-12-25 16:06 IST

Kavi Kumar Vishwas (Pic: Newstrack)

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या। प्रख्यात कवि कुमार विश्वास सोमवार को रामनगरी पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले मां सरयू का पूजन किया। कुमार विश्वास का हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन का भी कार्यक्रम है। अयोध्या पहुंचने पर कुमार विश्वास ने बयान जारी करते हुए बताया कि अयोध्या आगमन किसी भी मनुष्य के लिए मोक्ष और पुण्य जैसा होता है। मथुरा, काशी अयोध्या यह तीन ऐसी जगह हैं जहां तीन देवता निवास करते हैं। विपक्ष के रामलला के प्रतिष्ठा के निमंत्रण मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो राजनीतिक उत्तर नहीं देंगे। प्राण प्रतिष्ठा मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है। मुझ जैसे व्यक्ति के सफलतम क्षणों में है, जैसे वह लोग सौभाग्यशाली थे जिन्होंने आजादी देखी। पहले की अयोध्या और अब की अयोध्या में जमीन आसमान का अंतर है। अयोध्या विकास की प्रक्रिया में शामिल है।

अयोध्या मनु की राजधानी है और पहला मनुष्य और मानव यहीं तैयार हुआ। राम मंदिर पर कहा कि 500 वर्षों की तपस्या अब पूर्ण हो रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकतंत्र आने के बाद भी मंदिर राजनीति का विषय बना रहा। कुमार विश्वास ने कहा कि पारस्परिक सहमति से इस विवाद का हल हो जाना चाहिये था। सभी को खुद रामलला का स्थान छोड़ देना चाहिए था।

प्राण प्रतिष्ठा मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है

मथुरा, काशी अयोध्या यह तीन ऐसी जगह हैं जहां तीन देवता निवास करते हैं। विपक्ष के रामलला के प्रतिष्ठा के निमंत्रण मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो राजनीतिक उत्तर नहीं देंगे। प्राण प्रतिष्ठा मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है। मुझ जैसे व्यक्ति के सफलतम क्षणों में है, जैसे वह लोग सौभाग्यशाली थे जिन्होंने आजादी देखी। पहले की अयोध्या और अब की अयोध्या में जमीन आसमान का अंतर है। अयोध्या विकास की प्रक्रिया में शामिल है।

पहले अयोध्या को देखकर मन बहुत दुखी हो जाता था

उन्होंने कहा कि पहले अयोध्या को देखकर मन बहुत दुखी हो जाता था। अयोध्या बहुत उपेक्षित थी। मैंने रामलला के विवादित ढांचे में भी दर्शन किये हैं। टेंट में दर्शन किये और तब भी दर्शन किये जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया। अब भी दर्शन कर रहा हूं आगे में करता रहूंगा।

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