कुबेर टीला की क्या है मान्यता, जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने की पूजा

Ayodhya Ram Mandir: प्राधनमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर परिसर पर स्थित कुबेर टीला का दौरा भी किया था। यह वही स्थान है, जहां कुबेर भगवान शिव की पूजा कर उन्हें प्रसन्ना किया था।

Written By :  Ruchi Jha
Update:2024-01-22 17:15 IST

Ayodhya Ram Mandir: आज अयोध्या में प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस समारोह में बड़े-बड़े राजनेता, बिजनेसमैन और फिल्मी सितारे शामिल रहे। राम मंदिर के भव्य समारोह के बीच पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर परिसर पर स्थित कुबेर टीला का दौरा भी किया और पूजा भी की, तो आइए आपको बताते हैं इस कुबेर टीला की क्या मान्यता है?

पीएम मोदी ने कुबेर टीला का किया दौरा

सोमवार को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिसर में ही मौजूद कुबेर टीला का दौरा किया। राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है। पीएम मोदी ने यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक किया और मंदिर की परिक्रमा की। बाद में पीएम मोदी ने मंदिर परिसर में मौजूद जटायु की एक मूर्ति का अनावरण भी किया।


क्या है कुबेर टीला की मान्यता?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कुबेर टीला राम जन्मस्थान से भी पहले का बताया गया है। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। ऐसी मान्यता है कि यहां धन के देवता कुबेर आए थे और उन्होंने ही टीले पर शिव जी की पूजा के लिए शिवलिंग की स्थापना की थी। कहा जाता है कि कुबेर टीला में भगवान शिव का जलाभिषेक किए बिना अयोध्या की यात्रा अधूरी होती है।


कुबेर टीला के बिना अधूरी रहती है अयोध्या की यात्रा

मान्यता है कि कुबेर टीला में भगवान शिव का जलाभिषेक किए बिना अयोध्या की यात्रा अधूरी होती है। इस मंदिर में शिव जी के अलावा भगवान गणेश, मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान कुबेर और नंदी सहित नौ देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। नौ देवियों की मौजूदगी के कारण कुबेर टीला को 'नौ रत्न' भी कहा जाता है। इस मंदिर की दीवारें करीब पांच फुट ऊंची और 2.5 फुट चौड़ी थी। पहले यहां प्रत्येक वर्ष शिव जी की बारात निकलती थी, लेकिन 2005 में परिसर पर हुए आतंकी हमले में बाद यह कार्यक्रम बंद कर दिया गया। राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ श्रीराम भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कुबर टीले का भी पुनरुद्धार करवाया है।

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