Ram Mandir: पूरब से प्रवेश और दक्षिण से निकास, बीच में रामलला का निवास; ऐसा होगा 70 एकड़ में बना राम मंदिर
Ram Mandir: बुधवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव राय ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र का वर्णन प्रस्तुत किया। वीडियो के जरिये मंदिर का नक्शा पेश करते हुए निर्माण की जानकारी दी।
Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान होने जा रहे हैं। समारोह की तैयारियां जोरों शोरों से की जारी हैं। हो भी क्यों न? लंबी लड़ाई और कई बलिदानियों के बाद अवध नगरी में रामलला का विराजमान हो रहा है और इस विराजमान कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहित भारत के कई प्रमुख हस्तियां अयोध्या पहुंच रही हैं। होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने प्रभु श्रीराम मंदिर के निर्माण की विस्तृत जानकारी दी।
उत्तरी भाग पर बन रहा मंदिर, भूतल का काम पूरा
बुधवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव राय ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र का वर्णन प्रस्तुत किया। वीडियो के जरिये मंदिर का नक्शा पेश करते हुए निर्माण की जानकारी दी। उनहोंने बताता कि श्रीराम मंदिर का निर्माण 70 एकड़ भूमि के उत्तरी भाग पर हो रहा है। मंदिर तीन मंजिला है। इसके भूतल का काम पूरा हो चुका है, जबकि मंदिरा का पहला मंजिल में काम जारी है। राम मंदिर का निर्माण तीन चरणों में किया जाना है। राम मंदिर के अलावा अन्य मंदिर का भी निर्माण होना है। चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर का दक्षिण हिस्सा काफी संकरा है। इस हिस्से के संकरे होने की वजह पर राय ने कहा कि 70 साल से जो मामला कोर्ट में चला है, वह इसी जमीन को लेकर चला है।
राय ने बताईं प्रभु श्रीराम मंदिर की विशिष्टताएं
तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव राय ने मानचित्र के जरिये मंदिर की विशिष्टताएं गिनाईं। मीडिया से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। नींव के ऊपर कंक्रीट का भी प्रयोग नहीं किया गया है। निर्माण की तकनीक की विशिष्टता नींव से ही निहित है। मंदिर की नींव चार सौ फीट लंबी और तीन सौ फीट चौड़े विशाल भूक्षेत्र पर मोटी रोलर कांपेक्टेड कंक्रीट की 14 मीटर मोटी कृत्रिम चट्टान ढाल कर की गई है। मंदिर की प्लिंथ 380 फीट लंबी एवं 250 फीट चौड़ी है। वहीं, मंदिर के मुख्य शिखर की ऊंचाई 161फीट है। राय ने कहा कि राम मंदिर में नृत्य, रंग, सभा, प्रार्थना एवं कीर्तन मंडप के पांच मंडप होंगे। मंदिर पर प्रवेश पाने के लिए भक्तों को 32 सीढ़िया चढ़नी होंगी। मंदिर के चारो ओर आयताकार परकोटा है। इसकी लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट है। परकोटा के चारो कोनों पर भगवान सूर्य, मां भगवती, गणपति एवं भगवान शिव के सहित वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी एवं देवी अहिल्या का भी मंदिर बनाना है।
पूर्वी दिशा से होगा प्रवेश, इस दिशा से निकालेंगे भक्त बाहर
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण मई, 2022 से शुरू हुआ है। राजस्थान के बंसी पहाड़पुर का सैंडस्टोन लगा हुआ है। फ्लोर में मकराना मार्बल और गर्भगृह के निर्माण में श्वेत मार्बल लगा हुआ है। मंदिर की आयु पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर और परकोटा की आयु एक हजार साल की है। मंदिर के निर्माण में 22 लाख क्यूबिट पत्थर का उपयोग किया गया है। राम मंदिर के एक कोने पर सूर्य मंदिर और दूसरे कोने पर शिव जी का मंदिर होगा। मंदिर में भक्तों को प्रवेश पूर्वी दिशा से दिया जाएगा, जबकि दक्षिणी दिशा भक्त दर्शन कर बाहर आएंगे। दिव्यांगों के दर्शन के लिए मंदिर में लिस्ट की भी व्यवस्था की गई है। परिसर के भीतर 44 द्वार हैं।
मंदिर का पानी नहीं गिरेगा सरयू में
चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर का अपना सीवरेज सिस्टम होगा। मंदिर से निकलने वाला जल शहर की नालियों में नहीं आएगा। मंदिर का पानी सरयू नदी में नहीं जाएगा। मंदिर में पेयजल और बिजली की लाइन भी अलग होगी। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम निर्धारित हुआ है। वहीं, राय ने रामलला जन्मभूमि मुक्ति के इतिहास पर भी प्रकाश डाला।