Ramotsav 2024: रामोत्सव 2024: उपेक्षित अयोध्या के दिन गये, यह भाग्योदय वाली श्रीराम की नगरी है
Ramotsav 2024: स्थानीय लोग इसे आध्यात्मिक ऊर्जा से लबरेज, भौतिक विकास से परिपूर्ण बदलाव की अयोध्या मान रहे। बेबाकी से बोले- जमीं और आसमां की कभी तुलना नहीं होती, 2017 के बाद संतोषजनक विकास से समृद्धतम पथ की ओर अग्रसर है अयोध्या। राम का नाम, पीएम मोदी-सीएम योगी की मेहनत से हो रहा काम।
Ramotsav 2024: उपेक्षित अयोध्या के दिन अब चले गए। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का नाम, पीएम मोदी-सीएम योगी की मेहनत और रामनगरी के लोगों के साथ से अब यह भाग्योदय वाली श्रीराम की नगरी बन चुकी है। वह अयोध्या, जिसमें राम 500 वर्षों के बाद अपने भव्य महल रूपी मंदिर में विराजमान होंगे। दिव्य-भव्य व नव्य अयोध्या आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समृद्ध होने के साथ ही भौतिक रूप से भी विकास के नए सोपानों की ओर अग्रसर है। स्थानीय लोग भी इस अयोध्या को आध्यात्मिक ऊर्जा से लबरेज और भौतिक विकास से परिपूर्ण मानते हैं।
बदलाव की यह अयोध्या हर किसी के मन को भा रही है। 2017 के बाद संतोषजनक विकास से अयोध्या समृद्धतम पथ की ओर अग्रसर है। 2012 से 17 और उसके बाद की अयोध्या की तुलना पर लोगों ने कहा कि जमीन व आकाश की कभी तुलना नहीं होती। अयोध्या से ग्राउंड रिपोर्ट पर स्थानीय लोगों ने जय श्रीराम के जयकारों संग बेबाकी से अपनी राय रखी।
यह विकास और बदलाव की अयोध्या है
अटरावां मंदिर के समीप को निवासी सत्येंद्र पांडेय कहते हैं,'' 2017 के पहले की अयोध्या संगीनों के साये में थी। तब अनिश्चितता का माहौल था पर अब की अयोध्या विकास और बदलाव वाली है। किसी भी पथ पर चले जाइए, गौरवशाली अयोध्या के दर्शन हो जाएंगे। अयोध्या ही एकमात्र शहर है, जहां 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं एक साथ चल रही हैं। पहले लोग अयोध्या सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टिकोण से आते थे पर अब इसके साथ ही पर्यटन, सांस्कृतिक और विकास की नई धारा से जुड़ी अयोध्या देखने आ रहे हैं। अयोध्या समग्र विकास के पायदान पर चढ़ चुकी है, जल्द ही अयोध्या शीर्षतम नगरी होगी।"
मन की आंखों से देखिए, अयोध्या बदली बदली दिखेगी
अशर्फी भवन मार्ग के बर्तन व्यापारी श्री कृष्ण लाल कहते हैं, "अयोध्या को अब भौतिक और मन दोनों आंखों से देखिए। यह बदली बदली ही दिखेगी। 2017 तक जिस अयोध्या को कोई पूछने वाला नहीं था, आज उस अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अयोध्या धाम का नया रेलवे स्टेशन, भारत रत्न लता मंगेशकर चौक की अलग पहचान, 30 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं साकार रूप ले रही हैं तो अयोध्या बदली ही है। पीएम मोदी और सीएम योगी की दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते विकास की नई परिभाषा लिखी जा रही है। नया घाट, मेन रोड देखिए, सब बदलाव स्पष्ट है।"
सरकार बदली तो सोच बदली, सोच बदली तो विकास हुआ
रामवल्लभा कुंज, जानकी घाट की साधना मिश्रा कहती है, “योगी आदित्यनाथ संत हैं, गोरक्षपीठाधीश्वर हैं। इसलिए उनकी सोच आध्यात्मिक दृष्टि से परिपूर्ण है। इसका परिणाम अयोध्या में दिख रहा है। भगवान राम सूर्य वंश से थे। धर्म पथ पर सूर्य देव के प्रतीक वाले स्तंभ बनाए गए हैं। यह विरासत का सम्मान और अयोध्या की आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने के क्रम में अनुपम पहल है। मंदिर के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में भी अयोध्या का विकास हो रहा है। बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जा रहा। यही तो विकास है। 2017 के पहले अयोध्या क्या, पूरी यूपी का हाल किसी से छिपा नहीं है। सरकार बदली तो सोच बदली, सोच बदली तो विकास हुआ।“
हर समस्या का समाधान है राम का मंदिर
भक्तिपथ मार्ग की मीरा कौशल कहती है, "मर्यादा पुरुषोत्तम का मंदिर हर समस्या का समाधान है। इस मंदिर के कारण स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है। पर्यटकों की आमद बढ़ रही है। सरकार और जनता एक-दूसरे के पूरक हैं। योगी सरकार अयोध्या की पौराणिकता और जनता की भावना के अनुरूप कार्य कर रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामायण काल के प्रसंगों से जुड़ी मूर्तियों से लेकर शहर के अंदर तेजी से हो रहे विकास कार्य इसके उदाहरण हैं। जब सभी कार्य संपन्न हो जाएंगे तो अयोध्या कैसी होगी, इसकी कल्पना भी कर पाना मुश्किल है।"